सोशल साइट व मोबाइल का दुरुपयोग घातक
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में 'स्वस्थ जीवन शैली और स्वास्थ्य : 21 श
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में 'स्वस्थ जीवन शैली और स्वास्थ्य : 21 शताब्दी का एक प्रतिमान' विषय पर विचार गोष्ठी हुई। इसका आयोजन गैर सरकारी संगठन खुशी ने मेदांता अस्पताल व आई बैंक एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ईबीएआइ) के साथ मिलकर किया। इस दौरान वक्ताओं ने सोशल साइट व मोबाइल के दुरुपयोग को घातक बताते हुए स्वस्थ रहने के लिए नियमित योग पर जोर दिया।
गोष्ठी में अभिनेत्री सुषमा सेठ व एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने सोशल साइट और मोबाइल के दुरुपयोग को स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बताया। उन्होंने स्वस्थ जीवनशैली के लिए योग को अपनाने पर जोर दिया। सुषमा सेठ ने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि 40 साल की उम्र में उन्होंने टीवी पर एक योगाचार्य को योग करते देखा। तभी उनमें योग के प्रति ललक जगी। उसके बाद एक गुरु से योग का प्रशिक्षण लिया और योग करने लगीं। उन्होंने कहा कि योग से शरीर का हर हिस्सा मजबूत हो जाता है। इसलिए योग व प्राणायाम सीखें और इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। उन्होंने कहा कि मोबाइल से दूर रहें, क्योंकि इसकी स्क्रीन से आंखों की रोशनी पर असर पड़ता है। इससे मस्तिष्क भी प्रभावित होता है।
एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि स्वस्थ जीवनशैली के लिए शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य पर समग्र रूप से ध्यान देना होगा। मौजूदा समय में जीवनशैली स्वस्थ नहीं है। कहा जाता है कि तकनीक से जीवन आसान हो जाता है। वहीं मोबाइल के बढ़ते इस्तेमाल से लोग समाज से दूर होते जा रहे हैं। सैर सपाटे के वक्त भी लोग मोबाइल पर व्यस्त होते हैं। बच्चे जिन्हें कभी मिले नहीं, उनसे सोशल नेटवर्क पर लंबी चैटिंग करते हैं और व्यक्तिगत बातें शेयर करते हैं। वीडियो गेम में भी समय बिताते हैं। इससे स्वास्थ्य ठीक नहीं रहेगा। इसलिए जीवनशैली में बदलाव जरूरी है। स्वस्थ्य रहने के लिए योग व नियमित सैर करना फायदेमंद हो सकता है। एम्स के आरपी सेंटर की नेत्र चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. राधिका टंडन सहित कई अस्पतालों के डॉक्टरों ने लोगों को संबोधित किया और बीमारियों से बचाव के तरीके बताए। द्वारका स्थित मणिपाल अस्पताल के सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के डॉ. वेदांत काबरा ने कहा कि मुंह के कैंसर के मामले दोगुने बढ़े हैं। तंबाकू का सेवन छोड़कर इस बीमारी की रोकथाम संभव है।