मारपीट के आरोप पर सफदरजंग के डॉक्टर्स का विरोध जारी, मांगें पूरी नहीं होने तक काम पर लौटने से इनकार
सफदरजंग अस्पताल में मारपीट के आरोप के बाद डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन जारी है। डॉक्टर अपनी मांगों, जैसे सुरक्षा सुनिश्चित करने और दोषियों पर कार्रवाई, के पूरी होने तक काम पर लौटने से इनकार कर रहे हैं। अस्पताल प्रशासन ने डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की है और सुरक्षा बढ़ाने का आश्वासन दिया है।

सफदरजंग अस्पताल।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी का बड़े और प्रमुख सफदरजंग अस्पताल में सीनियर रेजीडेंट डाक्टर्स का विरोध जारी दूसरे दिन रविवार को भी जारी रहा। रेजीडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने चेतावनी दी है कि इस मामले जब तक उनकी तीन सूत्री मांग पूरी नहीं की जाती, घटना को लेकर विरोध जारी रहेगा।
आरडीए का कहना है कि इससे अस्पताल की सेवाएं न प्रभावित हो रही हैं और न ही मरीजों या उनके तीमारदारों को कोई परेशानी आ रही है। आरडीए अध्यक्ष डा. देववंशी कौल ने कहा कि हमने अपनी बात कह दी है, सोमवार को अस्पताल प्रशासन के रुख के बाद ही अगले कदम पर विचार किया जाएगा। कहा, सुरक्षित व सम्मानजनक कार्य वातावरण के बिना उनका विरोध जारी है, जिसकी जिम्मेदारी अस्पताल प्रशासन की है।
SR के साथ मारपीट का आरोप
आरडीए का आरोप है कि एनेस्थीसिया विभाग के सीनियर रेजीडेंट (एसआर) के साथ वरिष्ठ चिकित्सक ने मारपीट की। आरडीए ने इस मामले में अस्पताल निदेशक को भेजे गए पत्र में मारपीट करने वाले संबंधित चिकित्सक को तत्काल सभी सक्रिय कार्यों और सर्जिकल प्रिविलेज से हटाने, मामले की निष्पक्ष जांच के लिए स्वतंत्र आंतरिक जांच समिति का गठन करने तथा उनके पूर्व आचरण को ध्यान में रखते हुए उनका अनिवार्य मनोचिकित्सीय मूल्यांकन कराने की मांग की है।
स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, वे काम पर वापसी नहीं करेंगे। चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की तो विरोध और तेज किया जाएगा। उधर, दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) अध्यक्ष डाक्टर गिरीश त्यागी ने बयान जारी कर कहा है कि हम रेजीडेंट डाक्टरों द्वारा झेली जा रही कठिनाइयों को समझते हैं, भरोसा दिलाते हैं कि हमारा सहयोग और समर्थन उन्हें निरंतर जारी रहेगा।

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