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हरी सब्जियों के दाम कम होने से महिलाएं जता रही हैं संतोष

अमूमन सर्दी के मौसम में हरी सब्जियों के दाम कम होने से बाजार में अधिक सब्जियां नजर आती हैं और लोग भी इसका प्रयोग भरपूर करते हैं। किचन में सब्जियां की कमी नहीं होने से हर कोई इसके स्वाद का भरपूर लाभ उठाता है। यही वजह है कि महिलाएं भी इस बात से संतोष जताते हुए अपनी प्रतिक्रिया दे रही हैं। वैसे तो कुछ सब्जियों के भावों में उतार-चढ़ाव जारी है लेकिन हरे पत्तेदार सब्जियों के दाम सस्ते होने से उन्हें अलग-अलग तरीके से भोजन में प्रयोग किया जा रहा है। लोकल बाजार में जिन सब्जियों की कीमतों में कमी देखी जा रही है, उनमें गोभी, आलू, प्याज, हरी धनिया, पालक, मेथी व बथुआ शामिल है। किराड़ी के स्थानीय बाजार के सब्जी विक्रेता नीरज ने बताया कि सीजन के कारण सब्जियां अधिक मात्रा में आ रही हैं और सस्ती भी है। इनकी खरीदारी लोग अधिक कर रहे हैं। जिन्हें पहले केवल आधा या एक किलो खरीदा जाता है उसे लोग दो-तीन किलो खरीद रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Dec 2018 10:32 PM (IST)Updated: Sun, 09 Dec 2018 10:32 PM (IST)
हरी सब्जियों के दाम कम होने से महिलाएं जता रही हैं संतोष
हरी सब्जियों के दाम कम होने से महिलाएं जता रही हैं संतोष

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली :

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अमूमन सर्दी के मौसम में हरी सब्जियों के दाम कम होने से बाजार में अधिक सब्जियां नजर आती हैं और लोग भी इसका प्रयोग भरपूर करते हैं। किचन में सब्जियों की कमी नहीं होने से हर कोई इसके स्वाद का भरपूर लाभ उठाता है। यही वजह है कि महिलाएं भी इस बात से संतोष जताते हुए अपनी प्रतिक्रिया दे रही हैं। वैसे तो कुछ सब्जियों के भावों में उतार-चढ़ाव जारी है, लेकिन हरी पत्तेदार सब्जियों के दाम सस्ते होने से उन्हें अलग-अलग तरीके से भोजन में प्रयोग किया जा रहा है। लोकल बाजार में जिन सब्जियों की कीमतों में कमी देखी जा रही है, उनमें गोभी, आलू, प्याज, हरी धनिया, पालक, मेथी व बथुआ शामिल है। किराड़ी के स्थानीय बाजार के सब्जी विक्रेता नीरज ने बताया कि सीजन के कारण सब्जियां अधिक मात्रा में आ रही हैं और सस्ती भी है। इनकी खरीदारी लोग अधिक कर रहे हैं। जिन्हें पहले केवल आधा या एक किलो खरीदा जाता है उसे लोग दो-तीन किलो खरीद रहे हैं।

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सब्जियों के दाम कम होने से परिवार का हर सदस्य भरपूर मात्रा में इसका सेवन कर रहा है। हालांकि इसमें उतार-चढ़ाव होते रहते हैं, लेकिन कुल मिलाकर हरी सब्जी के दाम संतुलित हैं।

-कुसुम।

स्थानीय बाजार में सब्जी के भाव कम हैं, जिससे लोग इसकी खरीदारी में कोई कोताही नहीं कर रहे हैं, लेकिन सब्जी विक्रेताओं का मुनाफा कम हो गया है। इसके लिए सरकार को ध्यान देना चाहिए।

-रेखा।

सब्जियों के भाव किसानों के फसल पर निर्भर करती हैं। इस मौसम में आलू और गोभी के भाव सस्ते हैं और पत्तेदार सब्जियां भी सस्ती हो गई हैं। इस कारण उन्हें अलग-अलग तरीके से खाने का आनंद ले सकते हैं।

-ज्योति।

गर्मी की अपेक्षा सर्दी के मौसम में हरी सब्जियां अधिक सस्ती होती हैं। इसलिए इसका सेवन भी भरपूर होता है और स्वास्थ्य ठीक रहता है। यदि थोक बाजारों से खुदरा तक आने में सब्जियों की कीमत को अधिक न बढ़ाया जाए तो मौसम का असर भी अधिक नहीं हो सकता।

-आशा।

स्थानीय बाजार में सब्जी की कीमतें

सब्जी कीमत, प्रति किलो

मूली 10-15

खीरा 30-40

मिर्च 40

गोभी 20

पालक 20

मेथी 20

बथुआ 20

बैगन 20

परवल 30-40

सेम 20

टमाटर 20-30

हरी धनिया 30

आलू 15-20

प्याज 15-20

गाजर 20-30


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