Move to Jagran APP

मुश्किल में वाड्रा ! आयोग ने डीएलएफ लैंड डील की रिपोर्ट CM खट्टर को सौंपी

अफजल गुरु को फांसी की सजा सुनाने वाले पूर्व न्यायधीश जस्टिस ढींगरा ने रॉबर्ट वाड्रा की रियल एस्टेट कंपनी से सबंधित जमीन खरीद फरोख्त की रिपोर्ट हरियाणा सरकार को सौंप दी है।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 31 Aug 2016 10:34 AM (IST)Updated: Thu, 01 Sep 2016 07:45 AM (IST)
मुश्किल में वाड्रा ! आयोग ने डीएलएफ लैंड डील की रिपोर्ट CM खट्टर को सौंपी

गुड़गांव [ जेएनएन ]। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा की मुश्किलें बढ़ सकती है। जस्टिस ढींगरा आयोग ने आज वाड्रा की रियल एस्टेट कंपनी से सबंधित जमीन खरीद फरोख्त मामले की 182 पन्नों की रिपोर्ट हरियाणा सरकार को सौंप दी है।

loksabha election banner

इस रिपोर्ट में लैंड डील में हुई अनियमितताआें का खुलासा हो सकता है। हालांकि, जस्टिस ढींगरा ने रिपोर्ट का खुलासा नहीं किया है, लेकिन उन्होंने इशारों ही इशारों में अनियमितताओं की बात स्वीाकर की है। उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि रिपोर्ट के एक भाग में डील में हुई नियमों की अनदेखी का विस्तार से विवरण है।

कुख्यात आतंकवादी अफजल गुरू को फांसी की सजा सुनाने वाले पूर्व न्यायधीश जस्टिस एसएन ढींगरा के एक सदस्यीय आयोग ने साढ़े चौदह माह की जांच-पड़ताल के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है।

रॉबर्ट वाड्रा ने FB पर लिखा- 'राजनीतिक फायदे के लिए होता रहेगा मेरा इस्तेमाल

हालांकि, एक प्रेस वार्ता में रिपोर्ट की जानकारी मांगने पर जस्टिस ढींगरा ने इसके किसी खुलासे से इंकार किया है। उन्होंने कहा, रिपोर्ट के खुलासेे का दायित्व हरियाणा सरकार का है। ढींगरा ने कहा कि हमारा काम रिपोर्ट तैयार करना था, इसका खुलासा करना नहीं।

उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट दो भाग में हैं। रिपोर्ट के पहले भाग मेंं निष्कर्षों का जिक्र है और दूसरे भाग में सबूतों का उल्लेख है। लेकिन यह कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने अपनी रिपोर्ट में वाड्रा की कंपनी को दिए गए लाइसेंस और जमीनों के सीएलयू को नियमों के विपरीत ठहराया है।

डीएलएफ को हालांकि क्लीन चिट की बात कही जा रही है, लेकिन सरकार के सूत्र बिना रिपोर्ट पढ़े इसे स्पष्ट करने को तैयार नहीं है। भाजपा ने वाड्रा डीएलएफ लैंड डील का मुद्दा थाम कर लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जमकर पटखनी दी थी।

जांच आयोग ने करीब 250 फाइलों का अध्ययन कर यह रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट को तैयार करने में जून 2016 तक 26 गवाहों का सहारा लिया गया था, लेकिन भाजपा सांसद किरीट सौमेया द्वारा आयोग को अचानक दस्तावेजों का पुलिंदा थमाने के बाद गवाहों की संख्या बढ़ गई है।

जस्टिस ढींगरा 30 जून को ही अपनी रिपोर्ट देने वाले थे, लेकिन एक ई-मेल के जरिए उन्होंने यह कहते हुए 4 सप्ताह का एक्सटेंशन मांग लिया था कि उन्हें कुछ दस्तावेज मिले हैं, जिन्हें जांच में शामिल किए बिना रिपोर्ट कंपलीट नहीं मानी जा सकेगी। सरकार ने 6 सप्ताह की एक्सटेंशन देने हुए जस्टिस ढींगरा को अपनी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.