रोडरेज में हत्यारोपित को धमकी ने पहुंचाया सलाखों के पीछे
मयूर विहार फेज-एक के आचार्य निकेतन मार्केट में रविवार रात रोडरेज में योगेश चौधरी (22) नामक युवक की हत्या मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपित को धर-दबोचा है। आरोपित की पहचान सिद्धांत वर्मा (35) निवासी ¨कग्सवुड सोसायटी, गाजियाबाद के रूप में हुई है। सिद्धांत पर झपटमारी और लूटपाट सहित करीब 33 मामले दर्ज पाए गए हैं। शायद इसी वजह से उसने गोली चलाने से पहले योगेश को धमकी दी थी कि तुम्हारी उम्र से ज्यादा मुझ पर केस दर्ज हैं। इसी धमकी से और सीसीटीवी फुटेज के जरिये पुलिस सिद्धांत तक पहुंच गई। आरोपित के पास से पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त कार और पिस्टल भी बरामद कर ली है।
जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली :
मयूर विहार फेज-एक के आचार्य निकेतन मार्केट में रविवार रात रोडरेज में योगेश चौधरी (22) की हत्या में पुलिस ने मुख्य आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित की पहचान सिद्धांत वर्मा (35) निवासी ¨कग्सवुड सोसायटी गाजियाबाद के रूप में हुई है। सिद्धांत पर झपटमारी और लूटपाट सहित करीब 33 मामले दर्ज पाए गए हैं। शायद इसी वजह से उसने गोली चलाने से पहले योगेश को धमकी दी थी कि तुम्हारी उम्र से ज्यादा मुझ पर केस दर्ज हैं। इसी धमकी से और सीसीटीवी फुटेज के जरिये पुलिस सिद्धांत तक पहुंच गई। आरोपित के पास से वारदात में प्रयुक्त कार और पिस्टल भी बरामद कर ली है।
पुलिस उपायुक्त पंकज कुमार ¨सह के मुताबिक नौ दिसंबर की रात को योगेश की हत्या हुई थी। मामले की जांच के लिए एसीपी शोभित सक्सेना और रोहित राजबीर ¨सह की देखरेख में इंस्पेक्टर मनोज शर्मा, नवीन चंद्रा, एएसआइ दिनेश त्यागी और प्रवीण कुमार की टीम गठित की गई। घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई। इसमें एक फुटेज में आरोपित नजर आया था। मामले की जांच के दौरान जब धमकी की बात सामने आई तो बदमाशों का डोजियर निकाले गए। उनसे फुटेज का मिलान किया गया। इसमें पता चला कि आरोपित परिवार के साथ गाजियाबाद में पत्नी, दो बच्चों और मां के साथ किराये के मकान में रहता है, लेकिन वारदात के अगले दिन से ही वह पुलिस के डर से गायब हो गया। वह पुलिस से बचने के लिए मेरठ, हापुड़ और अन्य जगहों पर मित्रों के घर में पनाह लिए हुए था। बृहस्पतिवार रात पुलिस को उसकी लोकेशन मेरठ के पास मिली। इस पर पुलिस टीम वहां पहुंच गई। आरोपित का करीब 50 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद डासना टोल गेट पर धर-दबोचा। आरोपित ने बताया कि रविवार रात वह कल्याणपुरी में रहने वाले अपने दोस्त प्रमोद से मिलने आया था। यहां उसका योगेश का झगड़ा हो गया था। योगेश ने रॉड उठाकर उसकी आइ-20 कार का शीशा तोड़ दिया। गुस्से में सिद्धांत ने चार गोलियां चला दीं। इसमें दो गोलियां योगेश को छाती और जांघ में लगीं। इससे उसकी मौत हो गई। ज्वेलर से बना हत्यारा
सब्जी मंडी, घंटाघर में सिद्धांत वर्मा की कभी पुश्तैनी ज्वेलरी दुकान हुआ करती थी। 2005 से सिद्धांत ने दुकान में बैठना शुरू किया। 2006 में उसने दुकान में एक युवती से प्रेम विवाह किया, लेकिन सालभर के भीतर दुकान में घाटा होने लगा। 2008 में सिद्धांत की जान पहचान कुछ झपटमारों से हुई। वह उनसे झपटमारी के गहने खरीदने लगा। इसमें उसे फायदा दिखा, लेकिन कुछ दिनों बाद ही वह झपटमारी का माल खरीदने के आरोप में गिरफ्तार हो गया। बाद में जेल से छूटकर आया और खुद झपटमारी व लूटपाट करने लगा। उधर पिता की मौत के बाद दुकान बंद हो गई। उस पर दिल्ली और गाजियाबाद में कई मामले दर्ज हो गए। बीच-बीच में वह गिरफ्तार होता रहा। जब भी वह गिरफ्तार होता, अपने परिवार का ठिकाना बदल देता था। अब उसे हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। प्रमोद की तलाश में जारी
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक सिद्धांत के साथ उसकी कार में वारदात के वक्त प्रमोद बैठा हुआ था। पुलिस ने इस मामले में उसे भी आरोपित बनाया है। पुलिस उसकी गिरफ्तारी में भी जुटी है। पुलिस को आशंका है कि वह उत्तराखंड में छिपा हुआ हो सकता है। वारदात के बाद प्रमोद को कल्याणपुरी में छोड़कर सिद्धांत नोएडा होते हुए अपने घर पहुंचा था। इस दौरान प्रमोद ने उसे बता दिया था कि गोली का शिकार युवक बचेगा नहीं, लेकिन सिद्धांत सोमवार रात तक घर में ही रहा। मंगलवार को अखबारों में खबर छपने के बाद दोनों अपने घर से फरार हो गए। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बरामद कार उसकी पत्नी के नाम पर है। फरार होने के दौरान सिद्धांत ने अपनी कार के नंबर प्लेट पर दिल्ली का फर्जी नंबर प्लेट लगा दिया था। पुलिस ने जब आरोपित को पकड़ा तो कार पर दिल्ली का नंबर था। इस नंबर प्लेट को हटाते ही असली नंबर प्लेट भी नजर आ गया। पुलिस ने यह भी बताया कि वारदात के बाद पुलिस से बचने के लिए सिद्धांत ने दाढ़ी कटवा ली थी। इसके साथ बाल का स्टाइल भी बदला था।