दंगों की आग रूपशिखा को शिखर पर पहुंचने से न रोक सकी
रितु राणा पूर्वी दिल्ली 12वीं की परीक्षा विद्यार्थी के जीवन की सबसे अहम परीक्षा होती है। इस
रितु राणा : पूर्वी दिल्ली : 12वीं की परीक्षा विद्यार्थी के जीवन की सबसे अहम परीक्षा होती है। इसके बाद ही विद्यार्थी का असली संघर्ष शुरू होता है। 12वीं की परीक्षा के पहले दिन ही उत्तर-पूर्वी जिले में दंगों की चिगारी भड़की थी, देखते ही देखते पूरा जिला दंगों की आग में जल उठा। परीक्षार्थियों के सामने अपने आज के साथ ही कल को बचाने की भी चिता थी। बहुत से विद्यार्थी अवसाद का शिकार हो गए थे। लेकिन इस दंगे की आग रूपशिखा को शिखर पर पहुंचने से रोक न सकी।
रूपशिखा राजकीय सर्वोदय कन्या विद्यालय बी-2 यमुना विहार की विद्यार्थी हैं। रूपशिखा अपने परिवार के साथ भजनपुरा में रहती हैं। रुपशिखा ने ह्यूमैनिटीज में स्कूल में टॉप किया है। उन्होंने 98.4 फीसद अंक प्राप्त किया है। राजनीतिक विज्ञान में 100 और अंग्रेजी में 99 अंक हैं। रूपशिखा ने बताया कि गत 23 फरवरी को दंगों की आग भड़की थी, 25 फरवरी को 12वीं की पहली परीक्षा थी। डर के साय में परीक्षा दी थी, लेकिन उन्हें अपनी मेहनत पर पूरा भरोसा था कि वह अच्छे नंबरों से पास होंगी। घर के बाहर दंगे हो रहे थे और वह घर में दंगों से ध्यान हटाकर पढ़ाई कर रही थी। परीक्षा की वजह से सोशल साइट से दूरी बना ली थी। दंगों के कारण अंग्रेजी की परीक्षा रद हो गई थी, दंगे थमने के बाद उसकी परीक्षा हुई। उन्होंने बताया कि वह अब हंसराज कॉलेज में दाखिला लेना चाहती हैं और आइएएस बनकर देश की सेवा करना चाहती हैं।