दो साल से भाई के घर में कैद महिला को कराया मुक्त
पुलिस को जांच में पता चला कि सुनील का परिवार महिला को दो दिन पर खाने के लिए रोटी देता था। इसलिए महिला का स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा था।
नई दिल्ली (जेएनएन)। महिला आयोग और रोहिणी जिला पुलिस ने मिलकर करीब दो साल से अपने भाई के घर में कैद 50 वर्षीय महिला को मुक्त कराया। पीड़ित महिला को इहबास में भर्ती कराने के साथ ही पुलिस ने महिला के भाई और भाभी को भी गिरफ्तार कर लिया, लेकिन जमानती धाराओं में केस दर्ज होने के कारण थाने से ही जमानत मिल गई। सुनील पत्नी अन्नपूर्णा के साथ रोहिणी सेक्टर-7 में रहता है और पड़ोस में ही सुनील के बड़े भाई रहते हैं।
उन्होंने ही महिला आयोग के हेल्पलाइन नंबर 181 पर कॉल कर बहन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि माता-पिता की मौत के बाद सुनील करीब दो साल से अपनी बहन को परिवार के अन्य सदस्यों से मिलने नहीं दे रहा है। उन्हें घर से निकलने भी नहीं दिया जा रहा है।
सोमवार को महिला आयोग की टीम सुनील के घर पहुंची, लेकिन सुनील की पत्नी अन्नपूर्णा ने दरवाजा नहीं खोला। घर के अंदर से ही टीम के सदस्यों के साथ गालीगलौज भी की। आयोग की टीम ने रोहिणी नॉर्थ थाना पुलिस को मामले की सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दरवाजा खोलने के लिए कहा, लेकिन अंदर से कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद पुलिसकर्मी पड़ोसी की छत से होकर सुनील के घर में दाखिल हुए।
कमरे में दुर्गंध से सांस लेना भी दूभर
पुलिसकर्मी जब महिला के कमरे में पहुंचे तो दुर्गंध के कारण सांस लेना भी दूभर हो रहा था। कमरे में जगह-जगह मल मूत्र था और एक कोने में महिला पड़ी हुई थी। मानसिक हालत भी ठीक नहीं थी और वह कुछ बोल नहीं पा रही थी। महिला को तुरंत इहबास में भर्ती कराया गया।
दो दिन में एक बार देते थे खाना
पुलिस को जांच में पता चला कि सुनील का परिवार महिला को दो दिन पर खाने के लिए रोटी देता था। इसलिए महिला का स्वास्थ्य बिगड़ता जा रहा था। महिला को कई दिनों तक नहाया नहीं जाता था और कपड़े भी नहीं बदले जाते थे। उसे किसी से मिलने भी नहीं दिया जा रहा था। पुलिस इस मामले को संपत्ति विवाद से जोड़कर देख रही है।