अनिल अंबानी की रिलायंस पावर मनी लांड्रिंग केस में घिरी, ईडी ने 11 कंपनियों पर दाखिल किया चार्जशीट
अनिल अंबानी की रिलायंस पावर मनी लांड्रिंग के एक मामले में घिर गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में 11 कंपनियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है ...और पढ़ें

फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पटियाला हाउस स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत के समक्ष प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर और उसकी 10 अन्य कंपनियों के खिलाफ फर्जी बैंक गारंटी से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में आरोपपत्र दाखिल किया है। यह मामला 68 करोड़ रुपए की फर्जी बैंक गारंटी से जुड़ा है, जो एक टेंडर सुरक्षित करने के लिए प्रस्तुत की गई थी।
आईडीबीआई बैंक से असली गारंटी लगवाई
आरोपपत्र में रिलायंस पावर के पूर्व सीएफओ अशोक कुमार पाल, रिलायंस एनयू बीईएसएस लिमिटेड और रोसा पावर सप्लाई कंपनी जैसी सहायक कंपनियों के नाम भी शामिल हैं। ईडी का आरोप है कि रिलायंस ग्रुप के अधिकारी जानते हुए भी फर्जी बैंक गारंटी एसईसीआई (सोलर एनर्जी कार्पोरेशन ऑफ इंडिया) को भेज रहे थे। जब एसईसीआई ने धोखाधड़ी पकड़ ली, तो रिलायंस ने अगले दिन आईडीबीआई बैंक से असली गारंटी लगवाई, लेकिन एसईसीआई ने इसे समय पर न होने के कारण स्वीकार नहीं किया।
फर्जी दस्तावेज और बिलिंग का सहारा लिया
ईडी ने यह भी कहा कि रिलायंस अधिकारियों ने एक शेल कंपनी बिस्वाल ट्रेडलिंक की मदद से फर्जी विदेशी बैंक गारंटी जुटाने का प्रयास किया और इसके लिए फर्जी दस्तावेज और बिलिंग का सहारा लिया। इस मामले में बिस्वाल ट्रेडलिंक के एमडी पार्थ सारथी बिस्वाल, अशोक कुमार पाल और ट्रेड फाइनेंस कंसल्टेंट अमरनाथ दत्ता को गिरफ्तार किया गया है।
5.15 करोड़ रुपए की संपत्ति की अटैच
मनी लांड्रिंग की यह जांच नवंबर 2024 में दिल्ली पुलिस के आर्थिक अपराध विंग की प्राथमिकी से शुरू हुई थी। ईडी ने कहा कि रिलायंस ग्रुप ने जानबूझकर फर्जी गारंटी और फर्जी दस्तावेज के माध्यम से टेंडर जीतने की कोशिश की। जांच में अब तक 5.15 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच की जा चुकी है।

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