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पुन: प्रेषित--- यात्रियों को नहीं मिल रहा ग्रामीण सेवा का लाभ

पिछले चार सालों से गांव व शहर को जोड़नेवाली सड़कों पर इस दिल्ली एकीकृत बहुद्देशाीय परिवहन प्रणाली (डिम्टस) के तहत डीटीसी व क्ल्स्टर बसों को समान अनुपात में पहले भी नहीं उतारा गया था। अभी भी इसकी भरपाई का प्रयास होता नहीं दिख रहा है। विडंबना है कि दिल्ली सरकार ने आउटर दिल्ली में परिवहन सुविधा बढ़ाने के लिए डिम्टस को सर्वे करने की जिम्मेवारी दे दी है लेकिन नजफगढ़, मटियाला, बिजवासन और द्वारका के गांवों की परिवहन सुविधा को दुरुस्त करने की दिशा में अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने से लोगों के बीच असंतोष बढ़ रहा है। हालात यह है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट की ओर लोगों का झुकाव बढ़ रहा है लेकिन सुविधाएं बढ़ाने के नाम पर गांवों में इक्का दुक्का बसें चलाकर खानापूर्ति की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Oct 2018 10:08 PM (IST)Updated: Sun, 21 Oct 2018 10:08 PM (IST)
पुन: प्रेषित--- यात्रियों को नहीं मिल रहा ग्रामीण सेवा का लाभ
पुन: प्रेषित--- यात्रियों को नहीं मिल रहा ग्रामीण सेवा का लाभ

फोटो : 20 यूटीएम 7,8

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जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : चार सालों से दिल्ली एकीकृत बहुद्देशाीय परिवहन प्रणाली (डिम्टस) के तहत डीटीसी व क्लस्टर बसों को समान अनुपात में नहीं उतारा गया था। दिल्ली सरकार ने आउटर दिल्ली में परिवहन सुविधा बढ़ाने के लिए डिम्टस को सर्वे की जिम्मेदारी दी है, लेकिन नजफगढ़, मटियाला, बिजवासन और द्वारका के गांवों की परिवहन सुविधा को दुरुस्त करने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए जाने से लोगों में असंतोष है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट की ओर लोगों का झुकाव बढ़ रहा है, लेकिन सुविधाएं बढ़ाने के नाम पर गांवों में इक्का दुक्का बसें चलाकर खानापूर्ति की जा रही है। गांवों में परिवहन सुविधा को दुरुस्त करने के लिए रिजनल ट्रासंपोर्ट व्हीकल( आरटीवी) के तहत ग्रामीण सेवा और मिनी बसों को उतारा गया था। वे भी गांवों तक नहीं पहुंचते।

आरटीवी के तहत मिनी बसों को और गांवों से सवारी ढोने के लिए छोटे वाहनों को सड़कों पर उतारा गया था। ये वाहन भी सभी गांवों में नहीं जाते। दिन प्रतिदिन बढ़ती आबादी की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण सेवा व मिनी बसें जैसे खटारा वाहनों की जगह नए वाहन चलाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। गांव से शहर के बीच की दूरी तय करनेवालों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालात यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों की परिवहन व्यवस्था के तहत अरसे पहले ग्रामीण सेवा और मिनी बस के नाम पर 50- 50 वाहन उतारे गए थे। ये वाहन जर्जर हो चुके हैं। इनके पास फिटनेस का प्रमाण पत्र नहीं है। फिर भी ग्रामीणों को इन खटारा ग्रामीण सेवा के वाहनों से यात्रा करना पड़ रहा है। ये गाड़ियां कहीं भी बंद हो जाती हैं। जानकारों का कहना है कि दिल्ली परिवहन विभाग के अधिकृत सूत्रों के पिछले साल इस मसले पर चर्चा भी हुई थी, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया।


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