Exclusive: 26 जनवरी और दीपावली पर तबाही मचाने की थी साजिश, जैश आतंकी उमर ने की थी लाल किले की रेकी
लाल किले के बाहर हुए धमाके में इस्तेमाल हुई कार की जांच एनआईए कर रही है। क्षतिग्रस्त कार के पार्ट्स को फोरेंसिक लैब भेजा गया है, जहां एफएसएल, सीबीआई और एनआईए की टीमें जांच कर रही हैं। विस्फोट में इस्तेमाल रसायनों की पहचान मुश्किल हो रही है। पुलिस ने धमाके वाली जगह को सील कर दिया है और 200 से अधिक नमूने लिए गए हैं। मामले की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं।
-1762940791142.webp)
10 नवंबर की शाम लाल किले के पास धमाका हुआ था। फाइल फोटो सौजन्य- जागरण ग्राफिक्स
राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। फरीदाबाद से भारी संख्या में विस्फोटक व हथियारों के जब्त होने के साथ ही पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के पकड़े जाने के बाद दिल्ली में लाल किला के बाहर आई 20 कार में धमाका करने की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे जांच एजेंसियों को चौंकाने वाली जानकारी मिल रही है।
सीरियल धमाका करने की थी योजना
जांच से पता चला कि जैश आतंकियों ने दिल्ली-एनसीआर के शहरों में भारी तबाही मचाने की साजिश रची थी। इनकी साजिश बीते 26 जनवरी को लाल किला व त्योहारों के दौरान प्रमुख बाजारों में सीरियल धमाका करने की थी, लेकिन अंतिम समय में तैयारियां पूरी न होने के कारण इन्होंने अपने टारगेट को रद कर दिया था।
-1762940504992.jpg)
अब यह मॉड्यूल आगे किसी बड़ी आतंकी वारदात करने की साजिश रच ही रहा था कि जम्मू-कश्मीर में इनकी योजना की भनक जम्मू कश्मीर पुलिस को लग जाने के कारण पुलिस ने जब पुलवामा से लेकर दिल्ली-एनसीआर में आतंकियों की धरपकड़ शुरू कर दी, तब हताश होकर डॉ. उमर नबी ने सोमवार शाम लाल किला के बाहर आत्मघाती हमला कर दिया।
आतंकी उमर ने साथी संग मिलकर की थी लाल किले की रेकी
लाल किला के बाहर बीते जनवरी के पहले हफ्ते में रेकी की गई थी। डॉ. उमर नबी ने अपने साथी डॉ. मुजम्मिल के साथ मिलकर लाल किले की रेकी की थी। उसके बाद उन्होंने 26 जनवरी के दिन वहां धमाका करने की योजना बनाई थी। डॉ. मुजम्मिल से पूछताछ के बाद उसके व डॉ. उमर के मोबाइल फोन के लाल किला के पास डंप डेटा उठाने से इसकी जानकारी मिली है।
लाल किला के बाहर आत्मघाती हमला करने के लिए तेज क्षमता वाले विस्फोटक से भरी हरियाणा नंबर एचआर 26 सीई 7674 आई 20 कार का इस्तेमाल किया गया, उससे एनआईए धमाके में इस्तेमाल विस्फोटक के बारे में पता लगाने की कोशिश कर रही है।
धमाके वाली क्षतिग्रस्त कार के सभी पार्ट्स को मंगलवार देर रात ट्रक में डालकर जांच के लिए रोहिणी स्थित फोरेंसिक साइंस लैब में ले जाया गया। वहां एफएसएल की टीम, सीबीआई और एनआईए की फोरेंसिक टीम भी कार से नमूने उठाकर जांच कर रही है। सभी एजेंसियां संयुक्त रूप से जांच में जुटी हुई हैं ताकि जल्द से जल्द बम में इस्तेमाल विस्फोटक के बारे में पता लगाया जा सके।
किस केमिकल का हुआ इस्तेमाल?
एक्सपर्ट का कहना है कि ब्लास्ट के बाद सभी वाहनों में आग लग गई जिससे फायर ब्रिगेड को मौके पर बुलाकर पानी से आग बुझाना पड़ा। इससे केमिकल धुल गए, इसी वजह से जांच एजेंसी तीन दिन बाद भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रही है कि बम में आखिर किस-किस तरह के केमिकल का इस्तेमाल किया गया जिससे इतनी तीव्र क्षमता का धमाका हुआ।
पुलिस अधिकारी का कहना है कि अभी धमाके वाली जगह को कुछ दिनों तक और जांच के मकसद से सफेद कपड़ों से घेरकर ही रखा जाएगा। जिससे उस सड़क को अभी आम लोगों के लिए नहीं खोला जा सकेगा। दरअसल वहां धमाके में क्षतिग्रस्त अन्य सभी वाहनों के अलावा आसपास की जमीन व अन्य जगहों से नमूने उठाने और जांच करने का काम किया जा रहा है। मौके से करीब 200 से अधिक नमूने उठाए गए हैं जिनकी लैब में जांच की जा रही है। मौके पर भी फोरेंसिक वैन में नमूने की जांच की जा रही है।
जांच एजेंसियों का शक है कि हो सकता है धमाके में हाई ग्रेड मिलिट्री विस्फोटक का भी इस्तेमाल किया गया हो। जांच में सामने आया है कि इस मॉड्यूल का हैंडलर पाकिस्तान से इन्हें निर्देश दे रहा था।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।