मंदिर निर्माण में सभी की सहभागिता सुनिश्चित करेंगे: आलोक कुमार
श्रीराम मंदिर के निर्माण व उसकी भव्यता पर संतों ने बैठक में रखे अपने विचार
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली : विश्व हिदू परिषद (विहिप) के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की दो दिवसीय बैठक के पहले दिन अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण के साथ ही उसकी भव्यता व दिव्यता सुनिश्चित करने हेतु अनेक संतों ने अपने-अपने सुझाव दिए। साथ ही श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन की पुरानी कड़ियों व बलिदानियों को नमन करते हुए संपूर्ण समाज को जोड़ने का संकल्प लिया गया। बक्करवाला स्थित विश्व जागृति मिशन आनंद धाम आश्रम में आयोजित इस बैठक का शुभारंभ जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज, जूना अखाड़ा हरिद्वार के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज, महानिर्वाणी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद भारती जी महाराज के अलावा अनेक वरिष्ठ संतों व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश भय्याजी जोशी तथा विहिप के कार्याध्यक्ष एडवोकेट आलोक कुमार द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया।
बैठक के दौरान आलोक कुमार ने कहा कि जिस प्रकार श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में संपूर्ण विश्व के लोगों की सहभागिता रही, उसी प्रकार इसके निर्माण में भी सभी मत, पंथ, संप्रदाय, भाषा व क्षेत्र के लोगों के साथ-साथ संपूर्ण हिदू समाज की सहभागिता सुनिश्चित करने हेतु घर-घर जाएंगे और इसमें पूज्य संत समाज का मार्गदर्शन करेंगे। इससे करोड़ों भारतीयों का जनमानस इस पुण्य कार्य से जुड़कर रामत्व के प्रसार और राम राज्य की परिकल्पना को साकार करेंगे। बैठक में पेजावर उडुप्पी से जगतगुरु माधवाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्न तीर्थ जी महाराज, अयोध्या से जगतगुरु रामानुजाचार्य, वासुदेवानंद जी महाराज, महाराष्ट्र से जगतगुरु शंकराचार्य भास्करानंद जी महाराज, बेंगलुरु से निर्मलानंद नाथ जी महाराज, काशी से स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती जी महाराज, जबलपुर से महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद जी महाराज, गुरुकुल प्रभात आश्रम मेरठ से स्वामी विवेकानंद जी महाराज, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविददेव गिरि जी महाराज के अतिरिक्त विहिप उपाध्यक्ष व श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय के अलावा विहिप के पदाधिकारी व सैकड़ों की संख्या में संत उपस्थित थे।