'रावण' के अतिक्रमण पर पुलिस की तिरछी नजर
फोटो नंबर 3 यूटीएम 5, 6 राजौरी गार्डन थाने में पुतला कारोबारियों के खिलाफ अतिक्रमण से
फोटो नंबर 3 यूटीएम 5, 6
राजौरी गार्डन थाने में पुतला कारोबारियों के खिलाफ अतिक्रमण से जुड़े दर्जन भर मामले दर्ज
गौतम कुमार मिश्रा, पश्चिमी दिल्ली : दिल्ली के सबसे बड़े पुतला बाजार तितारपुर में लंकाधिपति ने अभी पूरी तरह दस्तक भी नहीं दी कि पुलिस उनसे दो-दो हाथ करने की तैयारी कर चुकी है। पुलिस रावण का पुतला बना रहे कारोबारियों के खिलाफ मामले दर्ज कर रही है। अकेले राजौरी गार्डन थाने में दो हफ्तों में ही दर्जन भर मामले दर्ज किए जा चुके हैं। कारोबारियों पर फुटपाथ पर पुतला सामग्री रखने और यातायात में व्यवधान डालने का आरोप लगाया जा रहा है। पुतला कारोबारियों का कहना है कि एक तो बारिश ने पहले से ही हाल खराब कर रखा है, दूसरा पुलिस की कार्रवाई ने और जले पर नमक का काम कर रखा है।
नजफगढ़ रोड के किनारे स्थित तितारपुर में सड़क पर जगह-जगह रावण के पुतले बनते नजर आने लगे हैं। करीब 10 पुतला कारोबारियों ने जगह-जगह अपनी दुकानें डाल दी हैं। दशहरा जैसे-जैसे करीब आता जाएगा इन दुकानों की संख्या 100 तक पहुंच जाएगी। यहां हर साल करीब 5 हजार पुतले बनते और बिकते हैं। इस बार कारोबारियों को दो तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। करीब 15 दिनों से यहां पुतले बनाए जा रहे हैं, लेकिन इस बीच हुई बारिश ने पुतला निर्माण की प्रक्रिया को धीमा कर दिया है। जब तक बांस की कमानी पूरी तरह सूख नहीं जाए तब तक कमानी को बांधा नहीं जा सकता। कारोबारी बारिश से जूझ ही रहे थे कि इनके ऊपर पुलिस का डंडा चलने लगा। राजौरी गार्डन थाने में अभी तक करीब एक दर्जन पुतला कारोबारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा चुका है। इन पर आरोप है कि इन्होंने पुतला बनाने में प्रयुक्त होने वाली सामग्री को फुटपाथ और सड़क किनारे रखा हुआ है जिस कारण फुटपाथ और इससे सटे हिस्से का इस्तेमाल राहगीर नहीं कर पा रहे हैं। आवागमन में बाधा हो रही है। पुतला कारोबारियों का कहना है कि ऐसा आज से नहीं बल्कि कई वर्षों से हो रहा है। यह उनका पुश्तैनी काम है। आखिर वे पुतला बनाएं तो कहां बनाएं?
दस हिस्सों में तैयार होते हैं रावण
सबसे पहले बनता है पैर फिर मुकुट। कारीगर सभी हिस्सों को अलग-अलग बनाते हैं। अगर पुतले की ऊंचाई अधिक हो तो आयोजन स्थल पर ले जाकर इसे जोड़ा जाता है। 60 फिट से ऊंचे पुतले को क्रेन से जोड़ा जाता है। दस हिस्सों में दो पैर, दो हाथ, घाघरे के दो हिस्से, धड़, सिर, मुकुट, ढाल और तलवार होती है।