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Pulwama Terror Attack: निंदा की बजाए पाकिस्तान को सबक सिखाने का समय आ गया है

सभी पार्टी के लोग दलगत राजनीति से ऊपर उठें और एक स्‍वर में इस घटना का विरोध करें। पूरा देश आवाज उठाए। हम आतंकियों को ठीक से जवाब क्‍यों नहीं दे सकते हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 15 Feb 2019 07:52 AM (IST)Updated: Fri, 15 Feb 2019 07:55 AM (IST)
Pulwama Terror Attack: निंदा की बजाए पाकिस्तान को सबक सिखाने का समय आ गया है
Pulwama Terror Attack: निंदा की बजाए पाकिस्तान को सबक सिखाने का समय आ गया है

नई दिल्ली [सुधीर कुमार पांडेय]। जम्‍मू- कश्‍मीर के पुलवामा में आतंकियों ने हमला कर एक बार फ‍िर अपनी कायरता का परिचय दिया है। उनमें इतना साहस नहीं है कि वे हमारे देश के रणबांकुरों से रण में सीधे मोर्चा ले सकें। देश के वीर सपूतों का सामने से सामना नहीं कर सकते हैं, इसलिए आतंकी छिपकर हमला करते हैं। वे सीधे सामना कर भी कैसे कर सकते हैं क्‍योंकि उन्‍हें भी मालूम है कि भारतीय जांबाजों की नसों में देशभक्‍ित रक्‍त बनकर बहती है। पुलवामा हमले पर उन रणबांकुरों, परमवीरों जिन्‍होंने वीरता के छाप छोड़े, उनके परिजनों ने क्‍या कहा, आइये देखते हैं।

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पूरे देश को एक होना होगा

कारगिल शहीद, वीरों की वीर नोएडा निवासी कैप्‍टन विजयंत थापर की मां तृप्‍ता थापर ने आतंकी हमले को कायराना कहा है। वह कहती हैं कि आतंकियों की इस कायराना हरकत से 42 घरों में अंधकार छा गया है। उनके परिवार पर क्या बीतेगी, यह सोचकर बहुत दुख होता है। 42 बच्चे जिनके घर से चले गए हैं, उनके घर में क्या होगा। कश्मीर में जो कुछ हो रहा है, उस पर सही तरीके से कार्रवाई होनी चाहिए। इस हमले का सभी काे विरोध करना चाहिए। सभी पार्टी के लोग दलगत राजनीति से ऊपर उठें और एक स्‍वर में इस घटना का विरोध करें। पूरा देश आवाज उठाए। हम आतंकियों को ठीक से जवाब क्‍यों नहीं दे सकते हैं। तो सेना पर भी पत्थर मारते हैं। कश्मीर में रह रहे नेताओं से सिक्योरिटी हटनी चाहिए, तभी उन्हें समझ में आएगा कि आतंक कितना विषैला होता है।

आतंकियों का एक-एक कर सफाया होगा

कारगिल युद्ध में दुश्‍मनों को नाको चने चबवाने वाले परमवीर मनोज पांडेय (उत्‍तर प्रदेश के सीतापुर निवासी) के भाई सोनू कहते हैं कि देश के वीरों का त्याग कभी भुलाया नहीं जा सकता है। छिपकर हमला करने वालों को कायर कहते हैं, आतंकवादी कायर हैं। हमारे शहीद योद्धा हैं, गर्व और नाज है उन पर। ऐसे आतंकियों का एक-एक कर सफ़ाया होगा, हम अपने शहीदों और उनके परिवारों के हमेशा साथ हैं।

हम इतने कमजोर नहीं

सियाचिन में 22 हजार फुट से अधिक की ऊंचाई पर बर्फीले तूफानों में दुश्‍मनों के दांत खट़टे करने वाले कैप्‍टन शशिकांत शर्मा (नोएडा निवासी) के भाई नरेश कहते हैं कि पाकिस्तान को पटरी पर लाने की ज़रूरत तो है ही, उससे पहले कश्मीर की सफाई भी बहुत ज़रूरी है। वजह, घर का गद्दार बाहरी दुश्मन से ज़्यादा घातक होता है। आतंकी स्थल की तस्वीरें देखकर मन विचलित हो गया। हम इतने कमजोर भी नहीं हुए हैं कि हमारे शहीदों की शहादत का बदला न ले सकें। अब दुश्मन को सबक सिखाने का समय आ गया है। निंदा की बजाए, पाकिस्तान की नींद उड़ाने का सही समय आ गया है। हमारी फ़ौज हर तरह से सक्षम है बस राजनीतिक इच्छा शक्ति की जरूरत है। 

यहां पर बता दें कि जम्मू-कश्मीर में बृहस्पतिवार को अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवंतीपोरा के पास गोरीपोरा में हुए हमले में सीआरपीएफ के 44 जवान शहीद हो गए। लगभग दो दर्जन जवान जख्मी हैं। इनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।

हमले को पाकिस्तान से संचालित जैश ए मुहम्मद के आत्मघाती दस्ते अफजल गुरु स्क्वाड के स्थानीय आतंकी आदिल अहमद उर्फ वकास ने अंजाम दिया। उसने 320 किलो विस्फोटकों से लदी स्कॉर्पियो को सीआरपीएफ के काफिले में शामिल जवानों से भरी एक बस को टक्कर मारकर उड़ा दिया। काफिले में शामिल तीन अन्य वाहनों को भी भारी क्षति पहुंची है।

घायल जवानों को उपचार के लिए बादामी बाग सैन्य छावनी स्थित सेना के 92 बेस अस्पताल में दाखिल कराया गया है। आतंकी संगठन जैश ए मुहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। आतंकियों का निशाना बना वाहन सीआरपीएफ के काफिले का हिस्सा था। सुबह जम्मू से चले इस काफिले में 60 वाहन थे, जिनमें 2547 जवान थे। दोपहर करीब सवा तीन बजे जैसे ही काफिला जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर गोरीपोरा (अवंतीपोरा) के पास पहुंचा। तभी अचानक एक कार तेजी से काफिले में घुसी और आत्मघाती कार चालक ने सीआरपीएफ की 54वीं वाहिनी की बस को टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही धमाका हो गया। इससे बस के परखच्चे उड़ गए।

धमाका इतना भयावह था कि कई मील दूर तक आवाज सुनी गई। पल भर में हाईवे पर करीब 100 मीटर के दायरे में क्षत-विक्षत शव व शरीर के अंगों के टुकड़े पड़े हुए थे। धमाका होते ही काफिले में शामिल अन्य वाहन तुरंत रुक गए। जवानों ने पोजीशन ले ली। तभी वहां पहले से बैठे आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने तुरंत जवाबी फायर किया। इस पर आतंकी मौके से भाग निकले। इस बीच, जवानों ने पूरे इलाके को घेरते हुए विस्फोट से तबाह हुई बस में जख्मी और मृत जवानों को बाहर निकलवा कर अस्पताल पहुंचाना शुरू किया। आत्मघाती आतंकी आदिल के भी मारे जाने का दावा किया जा रहा है।


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