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Delhi MCD News: अब ड्रोन से तलाशे जाएंगे संपत्तिकर के डिफाल्टर, संपत्तियों की तैयार होगी थ्री डी इमेज

Delhi MCD News दिल्ली में पहली बार निगम ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर दक्षिणी दिल्ली के ओखला औद्योगिक क्षेत्र से इसकी शुरुआत की है। अगर निगम का यह पायलट प्रोजेक्ट ठीक रहा तो आने वाले दिनों में अन्य और औद्योगिक क्षेत्रों में इसी प्रक्रिया को अपनाया जाएगा।

By Pradeep Kumar ChauhanEdited By: Published: Thu, 18 Aug 2022 09:49 PM (IST)Updated: Thu, 18 Aug 2022 09:49 PM (IST)
Delhi MCD News: अब ड्रोन से तलाशे जाएंगे संपत्तिकर के डिफाल्टर, संपत्तियों की तैयार होगी थ्री डी इमेज
Delhi MCD News: इसमें जो भी डिफाल्टर होगा उस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

नई दिल्ली [निहाल सिंह]। अगर, आप पैसा बचाने के लिए गलत जानकारी देकर संपत्तिकर जमा कर रहे हैं तो आपको महंगा पड़ सकता है। अब दिल्ली नगर निगम ने जमा संपत्तिकर की सत्यता की जांच के लिए ड्रोन का सहारा लिया है। जिसके तहत संपत्तियों का सर्वे किया जा रहा है। ड्रोन की सर्वे रिपोर्ट से निगम अपने डाटा की जांच करेगा और इसके बाद जो भी डिफाल्टर पाया जाएगा, उसे जुर्माने के साथ बकाया संपत्तिकर देना होगा।

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दिल्ली में पहली बार निगम ने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर दक्षिणी दिल्ली के ओखला औद्योगिक क्षेत्र से इसकी शुरुआत की है। जिसका सर्वे पूरा हो गया है। अगर, निगम का यह पायलट प्रोजेक्ट ठीक रहा तो आने वाले दिनों में अन्य और औद्योगिक क्षेत्रों में इसी प्रक्रिया को अपनाया जाएगा।संपत्तिकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार संपत्तिकर निगम के राजस्व के प्रमुख स्त्रोतों में से एक है।

ऐसे में हम नए संपत्तिकर देने वालों को भी जोड़ रहे हैं। हमारी कोशिश है कि जो लोग संपत्तिकर नहीं दे रहे हैं उन्हें इसके दायरे में लाया जाए। साथ ही इस प्रक्रिया के तहत जो लोग संपत्तिकर जमा कर रहे हैं वह मानकों के अनुरूप है या नहीं, हम ऐसे संपत्तिकर दाताओं की भी जांच करते हैं। इसलिए हम पहली बार ओखला औद्योगिक क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल से संपत्तियों की थ्री डी इमेज बना रहे हैं।

पांच दिन के सर्वे में 347 संपत्तियों का डाटा जुटाया

इसके साथ ही संपत्तियों का कवरिंग एरिया और उसकी ऊंचाई व मंजिल भी हमें इस सर्वे से पता लग जाएगी। इसके बाद लोगों द्वारा जमा संपत्तिकर से हम इसका मिलान करेंगे। इसमें जो भी डिफाल्टर होगा उस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि पांच दिन के सर्वे में हमने 347 संपत्तियों का डाटा ले लिया है। ओखला औद्योगिक क्षेत्र की बात करें तो यहां करीब तीन हजार संपत्तियां हैं। निगम ने जो सर्वे का कार्य शुरू किया है वह इस क्षेत्र के मोहन कापरेटिव से किया गया है।

व्यापारियों ने जताया परेशान करने का अंदेशा

भले ही निगम ने ड्रोन तकनीक के जरिये संपत्तियों का सर्वे करना शुरू कर दिया है, लेकिन इससे ओखला औद्योगिक क्षेत्र के व्यापारी नाखुश हैं। उनका कहना है कि इससे समय से संपत्तिकर जमा करने वालों को दिक्कत होती है।

फेडेरेशन आफ ओखला इंड्रस्टि्रयल एसोसिएशन के वित्त सचिव प्रवीन का कहना है कि वह इस बात को विभिन्न मंचों पर उठाएंगे, क्योंकि इससे पिसेगा तो ईमानदार कर दाता ही। ड्रोन सर्वे में जरा सी गड़बड़ी किसी व्यापारी को मुसीबत में डाल देगी। फिर निगम वर्ष 2004 से बकाया संपत्तिकर नोटिस भेज देता है। जिसका सही होता है उसको उसे भी ठीक कराने में निगम अधिकारियों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। ऐसे में ड्रोन सर्वे करना ठीक नहीं है।


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