प्रधानमंत्री राहत कोष के दानकर्ताओं का मामला पहुंचा मुख्य न्यायाधीश के पास
जासं, नई दिल्ली : सूचना का अधिकार (आरटीआइ) अधिनियम के तहत प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (
जासं, नई दिल्ली : सूचना का अधिकार (आरटीआइ) अधिनियम के तहत प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) में दान देने वाले संस्थागत दानकर्ताओं का ब्योरा देना अनिवार्य है या नहीं, इस मामले में सुनवाई कर रही हाई कोर्ट की दो जजों की पीठ के अलग-अलग मत हैं। ऐसे में मामले को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के पास भेज दिया गया है।
बुधवार को जब न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट व न्यायमूर्ति सुनील गौर की पीठ मामले में फैसला सुनाने बैठी तो उसने कहा कि इस मुद्दे पर दोनों जजों के बीच असहमति है। दोनों के फैसले विभाजित हैं। हालांकि, उनके निर्णय की अभी जानकारी नहीं दी गई है। पीएमएनआरएफ की तरफ से केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें कहा गया है कि संस्थागत दानकर्ताओं की जानकारी अपीलकर्ता को दी जानी चाहिए। ज्ञात हो कि याची तौकीर ने आरटीआइ के तहत पीएमएनआरएफ से 2009 से 2011 तक दानदाताओं के नाम और विवरण की जानकारी मागी थी। पीएमएनआरएफ ने याची को कुछ जानकारी प्रदान की थी, लेकिन दान देने वाले और लाभार्थियों के बारे में जानकारी देने से इन्कार कर दिया था।