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सुधरेगी दिल्ली की आबोहवा, जाम भी होगा कम

ईस्टर्न के बाद अब वेस्टर्न पेरिफेरल-वे की शुरुआत दिल्ली की दमघोंटू हवा के लिए भी संजीवनी सिद्ध होगी। इनके जरिये प्रदूषण फैलाने वाले ट्रक दिल्ली में प्रवेश किए बिना बाहर से गुजर जाएंगे। इससे शहर में यातायात जाम कम होगा और वायु प्रदूषण भी। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण-संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) भी इससे इन्कार नहीं करता। हालांकि यह असर अभी धीरे-धीरे दिखाई देगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 10:18 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 10:18 PM (IST)
सुधरेगी दिल्ली की आबोहवा, जाम भी होगा कम
सुधरेगी दिल्ली की आबोहवा, जाम भी होगा कम

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली

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ईस्टर्न के बाद अब वेस्टर्न पेरिफेरल-वे की शुरुआत दिल्ली की दमघोंटू हवा के लिए भी संजीवनी सिद्ध होगी। इनके जरिये प्रदूषण फैलाने वाले ट्रक दिल्ली में प्रवेश किए बिना बाहर से गुजर जाएंगे। इससे शहर में यातायात जाम कम होगा और वायु प्रदूषण भी। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण-संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) भी इससे इन्कार नहीं करता। हालांकि यह असर अभी धीरे-धीरे दिखाई देगा। दिल्ली में ट्रकों को रोकना इसलिए है जरूरी

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) की ओर से तैयार रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली की सड़कों को घेर रहे वाहनों में 50.11 फीसद हिस्सा ट्रकों का है। यह ट्रक सड़कों पर न सिर्फ वाहनों का दबाव बढ़ाते हैं बल्कि जाम का कारण भी बनते हैं। इनमें ओवरलोड ट्रक ज्यादा धुआं छोड़ते हैं और आबोहवा को प्रदूषित करते हैं। प्रदूषक तत्व 2.5 में भी 30 फीसद पार्टिकुलेट ट्रकों का ही होता है। सेहत के लिए हानिकारक

ट्रकों में इस्तेमाल डीजल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक जहरीली गैसों के साथ ब्लैक कार्बन भी छोड़ता है। कार्बन डाइऑक्साइड से 10 गुणा ज्यादा खतरनाक ब्लैक कार्बन फेफड़ों के कैंसर, हृदय रोग, सांस रोग सहित पाचन से जुड़े रोगों का भी जनक है। कहने को नियम अभी भी

नियमानुसार ओवरलोड ट्रकों का दिल्ली में प्रवेश प्रतिबंधित है, लेकिन ज्यादातर ट्रक चालक फिलहाल निजी धर्म काटे पर अपना वजन कराते हैं और उसमें हेराफेरी करवा लेते हैं। दूसरी ओर परिवहन विभाग और यातायात पुलिस भी चालकों से साठगांठ कर ओवरलोड ट्रकों के चालान नहीं काटती। आरएफआइडी तकनीक पर भी चल रहा काम

10 वर्ष पुराने और डीजल चालित ट्रकों का दिल्ली में प्रवेश रोकने के लिए टोल पर आरएफआइडी (रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) तकनीक का उपयोग शुरू करने की दिशा में भी काम चल रहा है। इस तकनीक के तहत ट्रकों को सेंसर युक्त एक स्मार्ट लेबल जारी किया जाएगा, जो ट्रक के शीशे पर लगाया जाएगा। टोल गेट पर पहुंचते ही वहां लगे सेंसर युक्त स्मार्ट रीडर (इंटेरोगेटर) पर एंटीना संकेतों के जरिये उस ट्रक का सारा डाटा सामने आ जाएगा। अगर ट्रक 2006 के बाद पंजीकृत होगा तो फाटक खुल जाएगा और अगर उससे पहले का पंजीकृत निकला तो ट्रक आगे नहीं जा पाएगा। बॉक्स-1

वायु प्रदूषण कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि ऐसे ट्रक दिल्ली में न घुस पाएं, लेकिन सरकारी तंत्र की लापरवाही हर नियम- कायदे पर भारी पड़ रही है। ऐसे में ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे इस दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे। दिल्ली होकर दूसरे राज्यों में जाने वाले ट्रक अब पलवल, फरीदाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, लोनी, मेरठ, कुंडली होते हुए बाहर से निकल जाएंगे। इससे दिल्ली में यातायात का दबाव भी कम होगा और प्रदूषण में भी कमी आएगी।

-डा. भूरेलाल, चेयरमैन, ईपीसीए।


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