अपराध के बढ़ रहे ग्राफ पर नकेल कसने की पुलिस ने की तैयारी
द्वारका जिला में अपराध का ग्राफ बढ़ना पुलिस की चिताओं को बढ़ा रहा है। पिछले दिनों एक के बाद एक गोली चलने की घटनाओं के सामने आने के बाद पुलिस अब ऐसी रणनीति तैयार कर रही है जिसके तहत जघन्य अपराध के साथ साथ स्ट्रीट क्राइम पर भी नकेल कसी जा सके। जिला पुलिस उपायुक्त एंटो अल्फोंस ने स्वयं कमान संभालते हुए विभिन्न थाना क्षेत्रों का दौरा करना शुरू कर दिया है। गश्त पर पुलिसकर्मियों की तैनाती है या नहीं इसपर वे स्वयं नजर रख रहे हैं। क्षेत्र के संवेदनशील गलियारों में गश्त के लिए जिला पुलिस ने मोटरसाइकिल दस्ता बनाया है।
गौतम कुमार मिश्रा, पश्चिमी दिल्ली
द्वारका जिला में अपराध का ग्राफ बढ़ना पुलिस की चिताओं को बढ़ा रहा है। पिछले दिनों एक के बाद एक गोली चलने की घटनाओं के सामने आने के बाद पुलिस अब ऐसी रणनीति तैयार कर रही है जिसके तहत जघन्य अपराध के साथ-साथ स्ट्रीट क्राइम पर भी नकेल कसी जा सके। जिला पुलिस उपायुक्त एंटो अल्फोंस ने कमान संभालते हुए विभिन्न थाना क्षेत्रों का दौरा करना शुरू कर दिया है। गश्त पर पुलिसकर्मियों की तैनाती है या नहीं, इस पर वे नजर रख रहे हैं। क्षेत्र के संवेदनशील गलियारों में गश्त के लिए जिला पुलिस ने मोटरसाइकिल दस्ता बनाया है। इस दस्ते में 14 मोटरसाइकिल हैं, जो चौबीस घंटे पुलिस नियंत्रण कक्ष से जुड़े रहते हैं। क्यों बढ़ी है पुलिस की चिता
पिछले एक महीने की बात करें तो द्वारका जिला में लूट की 16 घटनाएं सामने आई हैं। वहीं वाहन चोरी के 192 मामले थानों में रिपोर्ट कराए गए हैं। झपटमारी की पिछले एक महीने में 71 वारदात सामने आए हैं। इतनी बड़ी तादाद में वारदातों के सामने आने पर पुलिस को यह लगने लगा है कि अपराधियों पर कड़ाई के साथ नकेल कसा जाना बेहद जरूरी है। हालांकि पिछले एक महीने के दौरान पुलिस ने कई मामले सुलझाए भी हैं। लूट के 16 दर्ज मामलों में 15 मामले सुलझाए जा चुके हैं। इसी तरह झपटमारी के 71 मामले सुलझ चुके हैं। वाहन चोरी के भी एक महीने में 62 मामले पुलिस सुलझा चुकी है। क्या है कारण
पुलिस सूत्रों की मानें तो कोविड महामारी को देखते हुए कई अपराधी पैरोल पर जेल से बाहर निकले। कई अपराधियों ने बाहर निकलने के बाद सुधरने के बजाय आपराधिक वारदातों को फिर से अंजाम देना शुरू कर दिया। विभिन्न मामलों में गिरफ्तार आरोपित भी पूछताछ के दौरान पुलिस को खुद बताते हैं कि जेल से निकलने के बाद उन्होंने फिर से अपराध की दुनिया में कदम रख दिया। दूसरा कारण दिल्ली में अपराधियों के पास बड़ी मात्रा में अवैध हथियार की आसान उपलब्धता है। द्वारका जिले की ही बात करें तो यहां पिछले एक महीने में आर्म्स एक्ट के 30 मामले सामने आए। इस मामले में गिरफ्तार आरोपितों के पास से 27 पिस्टल बरामद हुए। क्या-क्या हो रहे उपाय
अपराधियों पर नकेल के लिए पुलिस कई स्तरों पर तैयारी कर रही है। इसमें जिले में पिछले दो से तीन महीने के दौरान हुए अपराधों की विवेचना कर समय व स्थान को चिन्हित किया जा रहा है, जहां अपराधी सबसे अधिक वारदात कर रहे हैं। ऐसे जगहों को चिन्हित कर पुलिस वहां गश्त पर जोर दे रही है। इसके अलावा पुलिस की आंख व कान योजना से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा जा रहा है। रोको टोको अभियान के तहत पुलिसकर्मियों को इस बात के निर्देश दिए गए हैं कि संदिग्ध गतिविधि नजर आने पर वे हर हाल में पूछताछ करें। गश्त को लेकर दो स्तरीय इंतजाम हैं। एक तो संबंधित क्षेत्र के थाना में तैनात पुलिसकर्मी गश्त कर रहे हैं तो दूसरी ओर जिला स्तर पर भी गश्त हो रही है। बॉक्स
पिछले एक महीने में विभिन्न थानों में दर्ज दो तिहाई से भी अधिक मामले इसी अवधि में हम लोगों ने सुलझाए हैं। चाहे अवैध हथियार हो या अवैध शराब, पुलिस दोनों ही मामलों में आरोपितों को गिरफ्तार कर रही है। बरामद सामान जब्त किए जा रहे हैं। आर्म्स एक्ट में एक महीने के दौरान 36 आरोपित तो एक्साइज एक्ट में 47 आरोपित गिरफ्तार हो चुके हैं। विभिन्न इलाकों में गश्त के लिए हमने अलग-अलग रणनीति ने तैयार की है।
एंटो अल्फोंस, उपायुक्त, द्वारका जिला पुलिस