पुलिस को और प्रशिक्षित करने की जरूरत: हाई कोर्ट
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी के दिशानिर्देश को लेकर गंभीर टिप्पण
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :
हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी के दिशानिर्देश को लेकर गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा कि एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने के दिशानिर्देश और इसे जमीनी स्तर पर वास्तविक ढंग से लागू करने में काफी अंतर है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति सी हरिशकर की एक पीठ ने इस विरोधाभासी स्थिति की ओर विशेष ध्यान दिलाते हुए कहा कि आपराधिक मामलों में आरोपियों को गिरफ्तार किए जाने के संबंध में मानदंडों को समुचित ढंग से लागू करने के लिए पुलिस को और प्रशिक्षित और संवेदनशील बनाए जाने की जरूरत है।
पीठ ने कहा कि गिरफ्तारी के लिए मानदंडों और पुलिस द्वारा जमीनी स्तर पर उनके वास्तविक क्रियान्वयन के बीच अंतर खत्म होना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि हमें एक सार्थक दिशानिर्देश की आवश्यकता है। दिल्ली निवासी अमनदीप सिंह जोहर की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि यह मामला व्यापक रूप से जनहित से जुड़ा हुआ है। याचिका में आरोपी को गिरफ्तार किए जाने और किसी व्यक्ति को पुलिस स्टेशन बुलाने के संबंध में दिशानिर्देश दिए जाने का आग्रह किया गया है। याचिका की सुनवाई करते हुए पीठ ने रजिस्ट्रार जनरल (आरजी) दिनेश कुमार शर्मा को अदालत के समक्ष उठाए गए मुद्दे की जाच करने और अपनी स्थिति रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया था। अगली सुनवाई 20 को होगी।