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पीएम-जय से मुनाफाखोरी पर विजय!

-जांच व सर्जरी के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही होगा इलाज -इलाज प्रक्रिया पर पैनल की होगी नज

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 07:50 PM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 09:15 PM (IST)
पीएम-जय से मुनाफाखोरी पर विजय!
पीएम-जय से मुनाफाखोरी पर विजय!

-जांच व सर्जरी के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही होगा इलाज, इलाज प्रक्रिया पर पैनल की होगी नजर

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राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली :

प्रधानमंत्री- जन आरोग्य योजना (पीएम-जय) के तहत विभिन्न बीमारियों के इलाज और जांच के लिए दिशा-निर्देश भी तैयार किए जा रहे हैं। अस्पतालों के डॉक्टर एक भी अतिरिक्त जांच या सर्जरी की ऐसी प्रक्रिया नहीं अपनाएंगे जिससे इलाज का बिल बढ़े। इलाज की प्रक्रिया पर सरकार द्वारा गठित पैनल की नजर होगी। इसलिए पीएम-जय से पंजीकृत मरीजों की बेवजह की जांचें कराकर निजी अस्पताल मुनाफाखोरी नहीं कर पाएंगे। यह जानकारी प्रोस्टेट कैंसर की बीमारी पर आयोजित कांफ्रेंस में सफदरजंग अस्पातल के यूरोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. अनूप कुमार ने दी।

उन्होंने कहा कि सफदरजंग अस्पताल इस योजना से जुड़ गया है और पूरी व्यवस्था कर ली गई है। इसके तहत प्रोस्टेट कैंसर का इलाज भी मरीज नि:शुल्क करा पाएंगे। 30 सितंबर से अस्पताल में पीएम-जय के पंजीकृत मरीजों का इलाज शुरू हो जाएगा। विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए पहले ही पैकेज निर्धारित किए जा चुके हैं। इसमें प्रोस्टेट कैंसर सहित यूरोलॉजी से संबंधित बीमारियां भी शामिल हैं।

10 सदस्यीय डॉक्टर तैयार कर रहे दिशा-निर्देश

यूरोलॉजी से संबंधित विभिन्न प्रकार की बीमारियों के इलाज का दिशा निर्देश तैयार करने के लिए केंद्र सरकार ने 10 डॉक्टरों की एक कमेटी बनाई है। तीन महीने में इस कमेटी को रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। यह कमेटी तय करेगी कि यूरोलॉजी से संबंधित विभिन्न प्रकार की बीमारियों में किस तरह की जांच होनी चाहिए और इलाज की प्रक्रिया क्या होनी चाहिए। कमेटी तय समय में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी। यदि डॉक्टर को महसूस होता है कि मरीज को कोई ऐसी जांच या इलाज की दरकार है जो दिशा निर्देश के बाहर है तो इलाज से पहले 24 घंटे में इसकी सूचना सरकार के पैनल को देनी होगी। विशेषज्ञ मामले का आकलन कर जल्दी अपना जवाब देंगे। जिससे मरीज का इलाज प्रभावित न हो। उन्होंने कहा कि पीएम-जय योजना की शर्त में पहली लाइन में यह लिखा गया है कि अस्पताल मरीज से एक पैसा भी नहीं लेगा। उल्लेखनीय है कि दिल्ली में यह योजना लागू नहीं है। इसलिए राजधानी में स्थित केंद्र सरकार के अस्पतालों में अभी सिर्फ दूसरे राज्यों के मरीज ही इसका लाभ उठा सकेंगे।


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