Integrated Transit Corridor: पीएम मोदी ने प्रगति मैदान इंटीग्रेटेड ट्रांजिट कॉरिडोर का किया उद्घाटन, दिल्ली-NCR के लोगों को मिलेगा जाम से छुटकारा
Pragati Maidan Integrated Transit Corridor 2017 में किए गए एक सर्वे में यह बात सामने आई थी कि इस क्षेत्र से प्रतिदिन एक लाख 14 हजार वाहन आवागमन करते हैं। जबकि अब संख्या बढ़कर 1 लाख 30 हजार से लेकर 1 लाख 40 हजार प्रतिदिन हो चुकी होगी।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार प्रगति मैदान सुरंग (एकीकृत ट्रांजिट कारिडोर परियोजना) और पांच अंडरपास का उद्घाटन किया। यह परियोजना दिल्ली के लोगों के लिए कई मायनों में फायदेमंद है। इसके शुरू होने से जहां आइटीओ क्षेत्र, मथुरा रोड और भैरों मार्ग पर यातायात जाम कम हो जाएगा, वहीं प्रदूषण में भी कमी आएगी।
वाहन चालकों की 15 से 20 मिनट समय की बचत होगी, जाम में फंसने पर खर्च होने वाले ईंधन के पैसे बचेंगे। यहां से गुजरने वाले कुल वाहनों में से सुरंग सड़क से प्रति दिन 78 प्रतिशत तक वाहन गुजरेंगे और जाम समाप्त होने से प्रति वर्ष करीब 13000 टन कार्बनडाई आक्साइड कम उत्पन्न होगी।
खास बात यह है कि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इस सुरंग में दुनिया की सबसे बड़ी पेंटिंग बनाई गई है। जो गिनीज बुक आफ रिकार्ड में दर्ज हो सकती है।शाम के समय से जनता को सुरंग सड़क में आवागमन की छूट दिए जाने की योजना है।इस परियोजना पर भारत सरकार के तहत इंडिया ट्रेड प्रमोशन आर्गनाइजेशन (आइटीपीओ) ने पैसा खर्च कर काम कराया है। काम को दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग से टेंडर लेकर निर्माण क्षेत्र की कंपनी लार्सन एंड टूब्रो ने किया है।
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आइटीपीओ के चेयरमैन एल सी गोयल कहते हैं कि 2017 में किए गए एक सर्वे में यह बात सामने आई थी कि इस क्षेत्र से प्रतिदिन एक लाख 14 हजार वाहन आवागमन करते हैं। जबकि अब संख्या बढ़कर 1 लाख 30 हजार से लेकर 1 लाख 40 हजार प्रतिदिन हो चुकी होगी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के शुरू होने से प्रति वर्ष करीब 13000 टन कार्बनडाई आक्साइड कम होगी।
गिनीज बुक आफ रिकार्ड में दर्ज होगी वाल पेंटिंग
प्रगति मैदान में बनाए गए वाल पेंटिंग (भित्ति चित्र) को गिनीज बुक आफ रिकार्ड में दर्ज करवाया जाएगा। यहां दुनिया का सबसे बड़ी वाल पेंटिंग तैयार की गई है। गोयल की मानें तो अभी साउथ कोरिया में ही 25 हजार मीटर क्षेत्र में हाथ से बनी वाल पेंटिंग है, जबकि प्रगति मैदान में एक लाख मीटर से भी अधिक क्षेत्र में हाथ से बनी वाल पेंटिंग है जो दुनिया की सबसे बड़ी पेंटिंग है।