PM मोदी की डिग्री का मामला, अपील याचिका दायर करने में हुई देरी पर दिल्ली HC ने जताई चिंता
दिल्ली हाई कोर्ट ने पीएम मोदी की डिग्री सार्वजनिक करने की मांग वाली याचिका में देरी पर चिंता जताई। कोर्ट ने कहा कि एकल पीठ के फैसले के खिलाफ अपीलें समय सीमा के बाहर दायर की गई हैं। कोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय से देरी पर आपत्तियां दर्ज कराने को कहा और मामले की अगली सुनवाई 16 जनवरी 2026 को तय की।
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जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री से संबंधित जानकारी सार्वजनिक करने की मांग वाली अपील याचिका दायर करने में विभिन्न याचिकाकर्ताओं द्वारा की गई देरी पर बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने चिंता जताई।
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि एकल पीठ के फैसले के खिलाफ अपीलें समय सीमा के बाहर दायर की गई हैं और इसलिए अदालत मामले के गुण-दोष की जांच करने से पहले इस पहलू पर सुनवाई करेगा। साथ ही अदालत ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) से देरी पर अपनी आपत्तियां दर्ज कराने को कहा।
वहीं, डीयू की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्होंने याचिकाकर्ताओं द्वारा देरी के लिए बताए गए कारणों पर गौर नहीं किया है, लेकिन उन्हें मामले के गुण-दोष के आधार पर भी बहस करने में कोई दिक्कत नहीं है।
इस पर अदालत ने कहा कि देरी की माफी के आवेदन पर डीयू आपत्तियां तीन सप्ताह के भीतर दायर कर सकता है। अपीलकर्ता आपत्तियों का जवाब दाखिल कर सकते हैं। साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई 16 जनवरी 2026 के लिए सूचीबद्ध कर दी।
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आम आदमी पार्टी (आप) राज्यसभा सदस्य संजय सिंह, सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता नीरज शर्मा और अधिवक्ता मोहम्मद इरशाद द्वारा दायर अपील याचिका में पीएम की डिग्री से संबंधित जानकारी सार्वजनिक करने से इनकार करने के एकल पीठ के फैसले को चुनौती दी गई है।

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