डीएमआरसी 10 महीने में तैयार करेगा ईडब्ल्यूएस श्रेणी के फ्लैट
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली मेट्रो के सबसे बड़े कॉरिडोर (पिंक लाइन) के निर्माण में आड़े आ
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली मेट्रो के सबसे बड़े कॉरिडोर (पिंक लाइन) के निर्माण में आड़े आ रहा जमीन विवाद का मामला सुलझ गया है। इसके बाद से दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने त्रिलोकपुरी व विनोद नगर में ईडब्ल्यूएस श्रेणी के फ्लैटों के निर्माण की योजना पर तेजी से काम शुरू कर दिया है। करीब 10 महीने में फ्लैट बनकर तैयार हो जाएंगे। इन्हें त्रिलोकपुरी पुनर्वासित कॉलोनी के ब्लॉक-15 में रह रहे लोगों को आवंटित किया जाएगा। फ्लैट आवंटन के बाद त्रिलोकपुरी पुनर्वासित कॉलोनी की जगह खाली हो जाएगी, जिससे पिंक लाइन (शिव विहार-मुकुंदपुर) के बाकी बचे कॉरिडोर के निर्माण का रास्ता साफ हो जाएगा।
फेज तीन के तहत निर्माणाधीन 58.59 किलोमीटर लंबी पिंक मेट्रो लाइन का निर्माण 2016 में ही पूरा होना था लेकिन जमीन विवाद के कारण परियोजना समय पर पूरी नहीं हो सकी। असल में मयूर विहार पॉकेट-एक मेट्रो स्टेशन से त्रिलोकपुरी के बीच जिस जगह से एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण होना है उसके 255 मीटर हिस्से पर घर बने हुए हैं। मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण के लिए करीब 108 लोगों के घर तोड़े जाने है, इसलिए उन लोगों को दूसरी जगह ईडब्ल्यूएस श्रेणी का फ्लैट बनाकर विस्थापित किया जाएगा। पहले डीएमआरसी को जमीन आवंटित होने में सरकार की तरफ से देरी हुई। जमीन आवंटन के बाद डीएमआरसी ने फ्लैटों का निर्माण शुरू किया तो कुछ लोगों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि हरित क्षेत्र में गलत तरीके से फ्लैट बनाए जा रहे हैं। इस विवाद के कारण त्रिलोकपुरी में करीब 255 मीटर हिस्से में मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण अधर में फंस गया। इस हिस्से को छोड़ पिंक लाइन का निर्माण करीब पूरा होने को है।
इस वजह से दिल्ली मेट्रो ने मयूर विहार पॉकेट-एक से आइपी एक्सटेंशन के हिस्से को छोड़ पिंक लाइन के शेष हिस्से पर दिसंबर 2017 से मार्च 2018 के बीच परिचालन शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। पहले यह तय नहीं हो पा रहा था कि विवादित जगह से लोगों को कब तक हटाया जा सकेगा। अब डीएमआरसी ने करीब 11.50 करोड़ की लागत से ईडब्ल्यूएस श्रेणी के फ्लैटों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। करीब एक महीने में टेंडर आवंटित हो जाएगा। इसके बाद नौ महीने में फ्लैटों का निर्माण पूरा करना है। डीएमआरसी ने कहा कि हाई कोर्ट से फ्लैटों के निर्माण का निर्देश मिलने के बाद प्रक्रिया शुरू की गई है। 66 फ्लैटों का निर्माण पहले से चल रहा है। इसके अलावा 42 फ्लैट और बनाए जाएंगे। नए फ्लैटों के आवंटन के बाद पुराने मकानों को तोड़ा जाएगा।
शकरपुर से मजलिस पार्क के बीच दो महीने में शुरू होगा ट्रायल
पिंक लाइन पर शकरपुर से मायापुरी के बीच मेट्रो का ट्रायल पिछले कई महीनों से चल रहा है। मायापुरी से धौलाकुआं के बीच भी मेट्रो ट्रैक पर उतारी जा चुकी है। दो महीने में शकरपुर से मजलिस पार्क के बीच भी ट्रायल शुरू हो जाएगा।