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फेज चार की परियोजना को मेट्रो बोर्ड में एक बार फिर मंजूरी, जानें किन-किन एरिया को होगा लाभ

एलिवेटेड फेज चार का 37.01 किलोमीटर हिस्सा भूमिगत और 66.92 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड होगा। इस पर मेट्रो के 79 स्टेशन होंगे।

By Edited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 11:04 PM (IST)Updated: Tue, 11 Dec 2018 05:12 PM (IST)
फेज चार की परियोजना को मेट्रो बोर्ड में एक बार फिर मंजूरी, जानें किन-किन एरिया को होगा लाभ
फेज चार की परियोजना को मेट्रो बोर्ड में एक बार फिर मंजूरी, जानें किन-किन एरिया को होगा लाभ

नई दिल्ली, जेएनएन। दिल्ली मेट्रो के फेज चार की परियोजना की संशोधित डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) को मेट्रो बोर्ड ने एक बार फिर मंजूरी दे दी है। इसके बाद परियोजना की फाइल स्वीकृति के लिए दिल्ली सरकार के पास भेजी जाएगी। उम्मीद है कि दिल्ली सरकार से जल्द ही फेज चार की परियोजना को मंजूरी मिल जाएगी। योजना के अनुसार अब करीब 46,885 करोड़ की लागत से छह नई मेट्रो लाइनों के निर्माण का प्रस्ताव है।

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कॉरिडोर की कुल लंबाई करीब 104 किलोमीटर
कॉरिडोर की कुल लंबाई करीब 104 किलोमीटर होगी। यह परियोजना पूरा होने पर दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क 450 किलोमीटर से अधिक हो जाएगा। इससे दिल्ली के दूर-दराज के इलाके व ग्रामीण क्षेत्र भी मेट्रो नेटवर्क के दायरे में आ जाएंगे। यहां के ज्यादातर इलाकों में मेट्रो नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।

बेहतर होगी दिल्‍ली की सार्वजनिक परिवहन सुविधा
इसलिए उम्मीद है कि फेज चार की योजना परवान चढ़ने पर राजधानी की सार्वजनिक परिवहन सुविधा और बेहतर हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार ने जनवरी 2017 में फेज चार की परियोजना को मंजूरी दे दी थी। इसके बाद मंजूरी के लिए केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को भेजा गया था। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) में केंद्र व दिल्ली की 50-50 फीसद की भागीदारी है। इसलिए परियोजना पर दोनों सरकारों की मंजूरी जरूरी है।

टैक्‍स को लेकर विवाद
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय में फाइल भेजे जाने के बाद बजट में केंद्रीय टैक्स को लेकर दोनों सरकारों में असहमति होने से विवाद खड़ा हो गया। शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार फेज चार में 55,208 करोड़ की लागत से छह मेट्रो लाइनों के निर्माण का प्रस्ताव था। बाद में जीएसटी लागू होने व एक और कर की दर में कमी होने पर बजट 9,605 करोड़ कम करके 45,603 करोड़ निर्धारित किया गया था। बाद में दोबारा बदलाव हुआ, जिससे बजट थोड़ा बढ़ गया और इसे 46,800 करोड़ निर्धारित किया गया। इससे परियोजना पर दिल्ली सरकार का खर्च भी बढ़ेगा। परियोजना के बजट में दोबारा बदलाव होने का हवाला देते हुए दिल्ली सरकार ने पिछले माह फाइल डीएमआरसी को भेजी और उसे मेट्रो बोर्ड की मंजूरी लेने का निर्देश दिया। इसके मद्देनजर ही मेट्रो बोर्ड की बैठक हुई।

संशोधित डीपीआर को मिली मंजूरी
बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक फेज चार की परियोजना पर चर्चा की गई और संशोधित डीपीआर को मंजूरी दे दी गई है। हालांकि दिल्ली सरकार व केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय से स्वीकृति मिलने के बाद ही फेज चार की परियोजनाओं का रास्ता साफ हो पाएगा।

66.92 किलोमीटर कॉरिडोर होगा
एलिवेटेड फेज चार का 37.01 किलोमीटर हिस्सा भूमिगत और 66.92 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड होगा। इस पर मेट्रो के 79 स्टेशन होंगे।

प्रस्तावित कॉरिडोर और उसकी लंबाई

छह कोरिडोर लंबाई (कि.मी)
रिठाला-बवाना/नरेला 21.73
इंद्रलोक- इंद्रप्रस्थ 12.58
तुगलकाबाद-एरोसिटी 22.20
लाजपत नगर-साकेत 7.96
जनकपुरी प.-आरके आश्रम 28.92
मुकंदपुर-मौजपुर 12.54


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