¨हसात्मक व्यवहार के आरोप से एससी आयोग के अध्यक्ष समेत अन्य बरी
शांति भंग करने और ¨हसा के एक मामले में पटियाला हाउस स्थित विशेष अदालत ने शुक्रवार को राष्ट्रीय अनुसूचित (एससी) आयोग के अध्यक्ष राम शंकर कठेरिया सहित अन्य आरोपितों को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने आगरा से भाजपा सासद एवं एससी आयोग के अध्यक्ष राम शंकर कठेरिया के अलावा भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम खंडेलवाल, महापौर नवीन जैन, विधायक उदयभान सिंह और एक अन्य हर्षवर्धन दुबे को बरी करने का आदेश सुनाया।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : शांति भंग करने और ¨हसा के एक मामले में पटियाला हाउस स्थित विशेष अदालत ने शुक्रवार को राष्ट्रीय अनुसूचित (एससी) आयोग के अध्यक्ष राम शंकर कठेरिया सहित अन्य आरोपितों को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने आगरा से भाजपा सासद एवं एससी आयोग के अध्यक्ष राम शंकर कठेरिया के अलावा भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम खंडेलवाल, महापौर नवीन जैन, विधायक उदयभान सिंह और एक अन्य हर्षवर्धन दुबे को बरी करने का आदेश सुनाया।
अदालत ने आरोपितों को बरी करते हुए कहा कि पुलिस कोई ठोस सुबूत कोर्ट में पेश नहीं कर सकी। वह कोर्ट में केस को साबित करने में नाकाम रही, जबकि पुलिस ने आरोप पत्र में कहा था कि आरोपितों ने प्रदर्शन के दौरान रोके जाने के बाद हिंसात्मक व्यवहार किया था। अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि लोकतंत्र में प्रत्येक नागरिक को शातिपूर्ण तरीके से अपनी आवाज उठाने और विरोध करने का अधिकार है। अगर हिंसक व्यवहार होता है तो उसकी वीडियोग्राफी जरूरी है। जबकि पुलिस ने इस मामले में इन शर्तो का पालन नहीं किया।
क्या है मामला:
दिल्ली पुलिस ने राम शकर कठेरिया व अन्य आरोपितों के खिलाफ 11 दिसंबर 2009 को एक केस दर्ज किया था। पुलिस का आरोप था कि आरोपित सैकड़ों लोगों को लेकर जंतर मंतर पर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। जब यह लोग जंतर मंतर से संसद की ओर बढ़े तो भीड़ को थाना संसद मार्ग पर रोका गया और वहा पर आरोपितों ने भीड़ के सहयोग से तोड़फोड़ करते हुए ¨हसक व्यवहार किया।