मरीजों की भीड़ से कराह उठा स्वामी दयानंद अस्पताल
स्वदेश कुमार पूर्वी दिल्ली जीटीबी अस्पताल को कोरोना के लिए अधिकृत किए जाने से सबसे ज्यादा प
स्वदेश कुमार, पूर्वी दिल्ली
जीटीबी अस्पताल को कोरोना के लिए अधिकृत किए जाने से सबसे ज्यादा प्रभावित पूर्वी निगम का स्वामी दयानंद अस्पताल हो गया है। 1,500 बेड की क्षमता वाले जीटीबी अस्पताल के नियमित मरीज और पुलिस कार्रवाई से जुड़े मामले भी 370 बेड की क्षमता वाले स्वामी दयानंद अस्पताल में अब पहुंचने लगे हैं। अचानक भीड़ बढ़ जाने से अस्पताल की व्यवस्थाएं हांफने लगी हैं। अस्पताल में इमजरेंसी में प्रतिदिन दो सौ से ढाई सौ मरीजों को देखने की व्यवस्था है, लेकिन मंगलवार से यहां एक दिन में एक हजार मरीज पहुंचने लगे हैं। गंभीर हालत में पहुंचे मरीजों को रेफर करने के लिए अब यमुनापार में कोई अन्य सरकारी अस्पताल भी नहीं बचा है, जहां स्पेशियलिटी सेवाएं उपलब्ध हों। इस वजह से मुश्किलें बढ़ गई हैं।
अस्पताल के अधिकारियों के मुताबिक मंगलवार से अस्पताल में काफी भीड़ बढ़ गई है। जीटीबी अस्पताल में मंगलवार से कोरोना को छोड़कर दूसरी बीमारियों से पीड़ित मरीजों का इलाज बंद हो गया है। इसकी वजह से यहां के नियमित मरीज अब पड़ोस के स्वामी दयानंद अस्पताल में पहुंच रहे हैं, वहीं पुलिस कार्रवाई से जुड़े मामले भी जीटीबी अस्पताल में ही आते थे। अब ये सब मामले निगम के अस्पताल में पहुंच रहे हैं। इनमें कुछ को गोली लगी होती है तो कुछ को चाकू। गंभीर हालत में पहुंचे इन मरीजों की जान बचाना स्वामी दयानंद अस्पताल के लिए मुश्किल हो गया है, क्योंकि आसपास कोई स्पेशियलिटी सेवा वाला अस्पताल नहीं बचा। पहले यहां के मरीजों को जीटीबी अस्पताल रेफर किया जाता था। यहां तक कि उप्र के कई जिलों के लोग भी रेफर होकर जीटीबी अस्पताल ही पहुंचते थे। स्वामी दयानंद अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई। हालांकि अस्पताल प्रशासन ओपीडी की भीड़ को संभालने के लिए तैयार है, वहीं गाइनी विभाग में भी मरीजों की संख्या तीन गुना हो गई है। अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रजनी खेडवाल का कहना है कि हम किसी मरीज को इलाज के लिए मना नहीं कर सकते हैं, लेकिन गंभीर मरीजों के लिए दिक्कतें आ रही हैं। --------------------
दिल्ली सरकार ने बिना सोचे समझे यह फैसला लिया है। जीटीबी रेफरल अस्पताल है जहां यमुनापार के सभी अस्पतालों से गंभीर हालत में मरीज रेफर होकर पहुंचते हैं। पूर्वी निगम के अस्पताल में वे सुविधाएं नहीं हैं जो जीटीबी अस्पताल में हैं। स्वामी दयानंद अस्पताल अपनी सीमित क्षमता के साथ मरीजों को इलाज की सुविधा दे रहा है, लेकिन इससे दिक्कतें काफी बढ़ी हैं। राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी के बाद जीटीबी अस्पताल को सिर्फ कोरोना के लिए अधिकृत करने से यमुनापार में दूसरी बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए विकल्प नहीं बचा है। - सचिन शर्मा, चेयरमैन, स्वास्थ्य समिति, पूर्वी निगम स्वामी दयानंद अस्पताल में औसत मरीजों की संख्या
विभाग पहले अब
इमरजेंसी 250 1000
ओपीडी 600 1400
गाइनी 70 200