अंकिव मामले में हो कार्रवाई, नहीं तो होगा उग्र प्रदर्शन
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) के नवनिर्वाचित अध्यक्ष अंकिव बैसोया के खिलाफ एनएसयूआइ पूरी तरह से मुखर है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) के नवनिर्वाचित अध्यक्ष एवं एबीवीपी के छात्र नेता अंकिव बैसोया की स्नातक की डिग्री को लेकर एनएसयूआइ ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उसका कहना है कि डीयू प्रशासन अंकिव का बचाव कर रहा है, वह हमारी शिकायत पर कोई संज्ञान नहीं ले रहा है। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि सोमवार तक शिकायत पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई सख्त कारवाई नहीं की तो नॉर्थ कैंपस में उग्र प्रदर्शन होगा।
नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआइ) के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अक्षय लाकड़ा ने कहा कि अंकिव बैसोया दावा कर रहे हैं कि उन्होंने तमिलनाडु के तिरुवल्लुवर विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ आर्ट्स की पढ़ाई की है। इसी विश्वविद्यालय के तीसरे सेमेस्टर की एक मार्क्सशीट में मई 2014 एवं जून 2015 का जिक्र है, जबकि अंकिव डीयू के ही कॉलेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज में वर्ष 2013 से 2016 के दौरान विद्यार्थी रहे हैं। यह बात इस कॉलेज के पांच शिक्षकों की हाजिरी की सूची से स्पष्ट होती है। कॉलेज के अर्थशास्त्र पाठ्यक्रम में 2015 के पांचवें सेमेस्टर और 2016 में छठे सेमेस्टर की हाजिरी की सूची में अंकिव का नाम है। पांचवें सेमेस्टर में सितंबर 2015 में एक पेपर की कक्षा में अंकिव की हाजिरी भी दर्ज है। यूजीसी के नियम के अनुसार एक साथ दो डिग्री लेना गलत है। उन्होंने कहा कि हमें तिरुवल्लुवर विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों से यह भी सूचना मिली थी कि अंकिव की इस विश्वविद्यालय की डिग्री फर्जी है। नहीं बता पा रहे शिक्षकों के नाम
अक्षय ने कहा कि अंकिव दावा कर रहे हैं कि उन्होंने तिरुवल्लुवर विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है, लेकिन यह भी बात सामने आ चुकी है कि वह इस विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं कोर्स तक के नाम नहीं बता पा रहे हैं।
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दोबारा हो चुनाव या सनी को बनाया जाए अध्यक्ष
एनएसयूआइ के राष्ट्रीय अध्यक्ष फिरोज खान ने कहा कि एबीवीपी के छात्र नेता ने डीयू के बुद्धिस्ट स्टडीज विभाग में एमए में फर्जी डिग्री के आधार पर दाखिला लिया था। उनका दाखिला रद किया जाए। इसी आधार पर उन्होंने डूसू चुनाव भी लड़ा था। फर्जी डिग्री से दाखिला लेने पर वह डीयू के मान्य छात्र साबित नहीं होते हैं, इसलिए डीयू प्रशासन फिर से अध्यक्ष पद के लिए बैलेट पेपर से डूसू चुनाव कराए या फिर डूसू चुनाव समिति सनी छिल्लर को अध्यक्ष घोषित करे।