संजीव की याचिका पर स्वास्थ्य मंत्रालय व एम्स को नोटिस
संजीव चतुर्वेदी द्वारा दायर याचिका पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, एम्स निदेशक डॉ. एमसी मिश्रा व एम्स उपसचिव (प्रशासनिक) वी श्रीनिवास को नोटिस जारी किया है।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने एम्स के उप सचिव संजीव चतुर्वेदी द्वारा दायर याचिका पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, एम्स निदेशक डॉ. एमसी मिश्रा व एम्स उपसचिव (प्रशासनिक) वी श्रीनिवास को नोटिस जारी किया है।
याचिका में संजीव ने उन पर व्यक्तिगत दुर्भावना का आरोप लगाया है और कैट से मांग की है कि उनका एसीआर (वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट) लिखने से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री, एम्स निदेशक और उपनिदेशक पर रोक लगाई जाए। कैट ने तीनों को नोटिस जारी कर उन्हें अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है।
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री एम्स के अध्यक्ष होते हैं। इसलिए संजीव का एसीआर लिखने का अधिकार उपनिदेशक, निदेशक और स्वास्थ्य मंत्री को है। वर्ष 2015-16 के कामकाज के आधार पर अधिकारियों के एसीआर लिखने की प्रक्रिया शुरू हुई है।
एसीआर को सरकारी दफ्तरों में अधिकारियों के कामकाज का वार्षिक मूल्यांकन भी माना जाता है। संजीव ने कैट में याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि जेपी नड्डा स्वास्थ्य मंत्री बनने से पहले से उन्हें एम्स के मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) पद से हटाने की मांग करते रहे हैं। इसके अलावा एम्स ट्रॉमा सेंटर में सामानों की खरीद में हुए भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआइ ने संस्थान के निदेशक के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है।
उपनिदेशक श्रीनिवास के विरुद्ध केंद्रीय कार्मिक व प्रशिक्षण मंत्रालय की सर्तकता शाखा में उनकी शिकायत पर जांच चल रही है। संजीव ने याचिका में यह भी कहा है कि एम्स प्रशासन ने दुर्भावना के कारण गरीब मरीजों के लिए दान की गई मैग्सेसे पुरस्कार की धनराशि भी लेने से इन्कार कर दिया था। इसके अलावा एक साल से उनसे सारे कामकाज छीन लिए गए हैं। इसलिए उन्हें एसीआर लिखने की प्रक्रिया से अलग रखा जाए। इस मामले की अगली सुनवाई 19 मई को होगी।