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स्वच्छता सुधार के लिए आयुक्त ने नीति आयोग की चुनौती को किया मंजूर

स्वच्छता सुधार के लिए आयुक्त ने नीति आयोग की चुनौती को किया मंजूरस्वच्छता सुधार के लिए आयुक्त ने नीति आयोग की चुनौती को किया मंजूर

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Jan 2019 09:02 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jan 2019 09:02 PM (IST)
स्वच्छता सुधार के लिए आयुक्त ने नीति आयोग की चुनौती को किया मंजूर
स्वच्छता सुधार के लिए आयुक्त ने नीति आयोग की चुनौती को किया मंजूर

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली :

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सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाली उत्तरी दिल्ली नगर निगम की आयुक्त वर्षा जोशी ने नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) की स्वच्छता को लेकर चुनौती स्वीकार की है। दरअसल, अमिताभ कांत ने ट्विटर पर दिल्ली को स्वच्छता के लिए सीख लेने का सुझाव दिया था। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा कि भोपाल व इंदौर देश के सबसे स्वच्छ शहर हैं। इसकी प्रमुख वजह वे घर-घर जाकर कूड़ा एकत्रित करते हैं और उनके यहां प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं है। यदि कोई करता हुआ मिलता है तो उसके खिलाफ काफी अधिक जुर्माना लगाया जाता है। यही नहीं, उन्होंने कहा कि ग्राउंड लेवल पर सेग्रीगेशन ऑफ वेस्ट, रिसाइकिल ऑफ वेस्ट मैटेरियल सिस्टम का उपयोग किया जाता है। दिल्ली को इससे सीख लेने की जरूरत है। इस ट्वीट का जवाब देते हुए आयुक्त वर्षा जोशी ने कहा कि चुनौती स्वीकार है।

दैनिक जागरण से बातचीत में वर्षा जोशी ने कहा कि स्वच्छता बनाए रखना ही हमारा कार्य है। हम इसको करके रहेंगे, न पूरा करने का तो कोई प्रश्न ही नहीं है। उन्होंने कहा कि आयुक्त का कार्यभार संभालने के बाद लंबित पड़े कार्यो को खत्म कर रही हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के निर्देशों पर मुंडका के कुछ गांवों में चल रही प्लास्टिक की रिसाइकिल फैक्ट्री पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। निगम के अनुसार मुंडका की झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोग न सिर्फ दिल्ली की गलियों से, बल्कि नोएडा और गुरुग्राम से भी प्लास्टिक का कूड़ा बीनकर यहां लाते थे। इसको यहां पर रिसाइकिल किया जाता था। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष हुए स्वच्छता सर्वेक्षण में उत्तरी दिल्ली नगर निगम की 206 रैंक आई थी। वर्ष 2017 में यह रैं¨कग 279 थी। यहां निगम को कोई खास कामयाबी नहीं मिली थी, जबकि दक्षिणी दिल्ली नगर निगम 202 वें स्थान से 32 वें स्थान पर पहुंच गया था।

गंदगी की वजह है अवैध डेयरी, होगी बंद

आयुक्त ने बताया कि निगम में गंदगी की सबसे बड़ी वजह से रिहायशी इलाकों में चल रही अवैध डेयरियां हैं। इनसे न केवल नालियां जाम होती हैं, बल्कि जहां ये डेयरियां अवैध रूप से चलती हैं वहां के आसपास के पूरे इलाके में गंदगी रहती है। इससे बीमारियां भी बढ़ती हैं और लोगों को भी परेशानी होती है। निगम के अनुसार युद्ध स्तर पर रिहायशी इलाकों में बनी अवैध डेयरियों पर कार्रवाई की जा रही है। सभी जोन के उपायुक्तों को इस संबंध में सख्त कार्रवाई करने के आदेश जारी किए जा चुके हैं।

मार्केट में सफाई पर रहेगा विशेष जोर

उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त बीएम मिश्रा का कहना है कि मार्केट में सफाई के लिए निगम विशेष नजर रखेगा। इसके लिए सफाई के कार्य की निगरानी के साथ गंदगी फैलाने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी। मिश्रा ने कहा कि देखने में आया है कि बाजारों में निगम के सफाईकर्मी सफाई तो करते हैं, लेकिन कुछ देर बाद ही गंदगी के अंबार लग जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस समस्या को खत्म करने के लिए निगम अब विशेष अभियान चलाएगा। इसके तहत गंदगी दिखाई देने पर गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिस मार्केट में गंदगी होगी वहां की मार्केट एसोसिएशन पर भी इसकी जिम्मेदारी तय की जाएगी।


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