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बैठक से जाने पर अध्यक्ष ने आयुक्त को फोन कर बुलाया

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त मधुप व्यास को स्थायी समिति की बैठक से

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 10:36 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 10:36 PM (IST)
बैठक से जाने पर अध्यक्ष ने आयुक्त को फोन कर बुलाया
बैठक से जाने पर अध्यक्ष ने आयुक्त को फोन कर बुलाया

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आयुक्त मधुप व्यास को स्थायी समिति की बैठक से उठकर जाना महंगा पड़ गया। विवाद बढ़ा तो स्थायी समिति की अध्यक्ष वीना विरमानी ने उन्हें फोन कर तुरंत बैठक में आने के लिए कहा। साथ ही उन्होंने यह टिप्पणी भी की कि अधिकारी जवाब देने से भाग नहीं सकते हैं। दरअसल, बैठक में स्थायी समिति की सदस्य पूनम पराशर झा ने निगम के स्कूलों में एक निजी कंपनी के टूथपेस्ट का फ्री में प्रचार करने का मुद्दा उठाया। जवाब देने के बजाय आयुक्त बैठक से चले गए। इस मुद्दे पर झा की बसपा पार्षद भगवान से भी तकरार हुई।

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बैठक में पूनम पराशर झा का कहना था कि अक्टूबर में हुई बैठक में उन्होंने निगम स्कूलों मे निजी टूथपेस्ट वाली कंपनी का नि:शुल्क में विज्ञापन करने का मुद्दा उठाया था। तब जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। पूनम पाराशर झा ने कहा कि अव्वल तो यह कि अतिरिक्त आयुक्त आरएस मीणा और आयुक्त मधुप व्यास ने पत्र लिखकर ऐसे मुद्दे न उठाने का निर्देश दे डाला है। उन्होंने कहा कि अगर वह बैठक में मुद्दे उठाने के लिए स्वतंत्र नहीं हैं तो वह स्थायी समिति की सदस्या से इस्तीफा दे देंगी। बैठक में माहौल बिगड़ता देख समिति की अध्यक्ष वीना विरमानी ने आयुक्त मधुप व्यास को फोन कर तुरंत बैठक में आने का निर्देश दिया। आयुक्त बीच बैठक से अपने दफ्तर चले गए थे। फोन पर निर्देश मिलने के बाद आयुक्त तुरंत बैठक में पहुंचे तो अध्यक्ष ने पूनम पराशर के सवालों के जवाब देने के निर्देश दिए। बॉक्स

पत्र पर न हो कोई आपत्ति : आयुक्त

स्थायी समिति की सदस्य पूनम पराशर झा के सवालों का जवाब देते हुए आयुक्त मधुप व्यास ने कहा कि उनके पत्र पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने प्रमाण और जानकारी के लिए समिति की अध्यक्ष की सहमति से ही यह पत्र जारी किया था। इस पर अध्यक्ष ने साफ किया कि पत्र पर उनकी सहमति नहीं थी कि आयुक्त या फिर कोई और अधिकारी इस तरह का पत्र किसी भी पार्षद द्वारा उठाए गए मुद्दे पर भेजे। अधिकारी मामले की जांच कराएं और इस संबंध में कार्रवाई कर उसकी पूरी जानकारी सभी पार्षदों को दें।


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