दिल्ली के वन क्षेत्र में नहीं लगेंगे कांवड़ शिविर
-इकॉलोजिकल संतुलन बनाए रखने के लिए वन विभाग ने मंजूरी देने से किया इन्कार -15 दिन से महीन
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली
इस बार दिल्ली के वन क्षेत्र में कांवड़ शिविर नहीं लगेगा। वन विभाग ने इसकी अनुमति देने से इन्कार कर दिया है। विभाग ने ऐसा निर्णय इकोलॉजिकल संतुलन बनाए रखने के लिए लिया है। वन विभाग का मानना है कि मानसून के दौरान पक्षियों और अन्य जीवों को शाति चाहिए होती है। अगर उन्हें शाति नहीं मिलती तो वह अपना क्षेत्र छोड़कर किसी दूसरी जगह ठिकाना तलाशने लगते हैं। यही वजह है कि इस बार फॉरेस्ट और सिटी फॉरेस्ट एरिया में कावड़ शिविर नहीं लगेंगे।
हालांकि वन विभाग अब तक सिटी फॉरेस्ट और फॉरेस्ट में कई जगहों पर शिविर की मंजूरी देता रहा था। अधिकारियों के मुताबिक हर साल खासी बड़ी संख्या में फॉरेस्ट एरिया में कावड़ शिविर लगते रहे हैं। यह शिविर पंद्रह दिन से एक महीने तक के लिए चलते हैं। इस दौरान श्रद्धालु तेज आवाज में भक्ति गीत बजाते हैं और प्लास्टिक कचरा भी छोड़ जाते हैं। इसका फॉरेस्ट लैंड पर नकारात्मक असर पड़ता है।
पर्यावरणविदों के मुताबिक मानसून का सीजन पक्षियों के लिए प्रजनन का सीजन होता है। ऐसे में इन शिविरो के कारण शांति भंग होने से पक्षी वहा से पलायन करने लगते हैं। जानकारों की मानें तो यदि एक बार पक्षी किसी क्षेत्र को छोड़ दे तो उस क्षेत्र में वे दोबारा नहीं आते हैं। वैसे भी दिल्ली की बिगड़ती आबोहवा यहां के हरित क्षेत्र, वन क्षेत्र और वन्य जीवन सभी को लील रही है।
अधिकारियों के मुताबिक इस बार भी वन विभाग में प्रतिदिन 10 से 12 लोग कावड़ शिविर की मंजूरी के लिए आ रहे हैं।