Move to Jagran APP

ऑड-इवन: NGT ने केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड मांगा प्रदूषण का डाटा, 25 को अगली सुनवाई

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) ने केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से 2 हफ्तों के भीतर 2015 और 2016 का जनवरी से मई तक का दिल्ली-एनसीआर का विस्तृत प्रदूषण डाटा मांगा है।

By Amit MishraEdited By: Published: Mon, 04 Jul 2016 03:23 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jul 2016 07:45 AM (IST)
ऑड-इवन: NGT ने केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड मांगा प्रदूषण का डाटा, 25 को अगली सुनवाई

नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली में ऑड-इवन योजना के दौरान वायु प्रदूषण के हालात पर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने विस्तृत डाटा मांगा है। एनजीटी ने सोमवार को केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) से दो सप्ताह में 2015 और 2016 का जनवरी से मई तक का दिल्ली-एनसीआर का विस्तृत प्रदूषण डाटा मांगा है।मामले की अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी।

loksabha election banner

ऑड-इवन स्कीम से दिल्ली को क्या फायदा हुआ
एनजीटी ने कहा है कि वह जानना चाहती है कि दोनों साल के प्रदूषण के स्तर में क्या फर्क था। इसके साथ ही ऑड-इवन स्कीम से दिल्ली को हुए फायदे या नुकसान की जानकारी भी लेना चाहती है। दिल्ली सरकार ने इन दोनों साल में इसी अवधि (जनवरी से मई) के बीच दिल्ली में ऑड-इवन स्कीम को लागू किया था।

HC में सरकार ने कहा, 'ODD-EVEN के तीसरे चरण में वकीलों को छूट संभव'

ऑड-इवन स्कीम के दौरान बढ़ा प्रदूषण
इससे पहले दी गई अपनी रिपोर्ट में सीपीसीबी ने कोर्ट को बताया था कि इस साल ऑड-इवन के दौरान दिल्ली में प्रदूषण बढ़ गया था। उस अवधि में दिल्ली में इस साल प्रदूषण का PM स्तर 132 से 196 तक चला गया था। जो 60 से ऊपर होने पर ही खतरनाक हो जाता है।

ऑड-इवन के दूसरे चरण को दिल्ली के लोगों ने नकार दिया: विजय गोयल

2 बार लागू हो चुका है ऑड-इवन फॉर्मूला
इस साल दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने दो बार ऑड-इवन स्कीम को लागू किया था। जनवरी और अप्रैल महीने में यह स्कीम 15-15 दिनों के लिए लागू किया गया था। सरकार के इस फैसले को लेकर कई सवाल उठे थे। विपक्ष के अलावा आम लोगों ने भी खास तौर से प्रदूषण के और बढ़ने के साथ ही सरकार की लचर तैयारियों पर सवाल किया था।

दिल्ली में फेल हुआ ऑड-इवन योजना का दूसरा चरण: भाजपा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.