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दर्शकों को बांधे रखने के लिए पटकथा में नयापन जरूरी: संजीव के झा

दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज व कैंपस कॉर्नर द्वारा हिदी सिनेमा के मशहूर पटकथा लेखक संजीव के झा के साथ ऑनलाइन संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 02:14 AM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 06:11 AM (IST)
दर्शकों को बांधे रखने के लिए पटकथा में नयापन जरूरी: संजीव के झा
दर्शकों को बांधे रखने के लिए पटकथा में नयापन जरूरी: संजीव के झा

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली:

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दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज व 'कैंपस कॉर्नर' द्वारा हिदी सिनेमा के मशहूर पटकथा लेखक संजीव के झा के साथ ऑनलाइन 'संवाद' कार्यक्रम का आयोजन किया गया। फिल्म जबरिया जोड़ी व बरोट हाउस के पटकथा लेखक संजीव के. झा ने कहा कि पटकथा का आधार साहित्य है लेकिन पटकथा साहित्य से अलग है क्योंकि उसकी तकनीकी अलग होती है। पटकथा दर्शकों को बांधे रखने के लिए दृष्यों व बिंबों में चलती है। पटकथा में नयापन होना चाहिए वरना दर्शकों की रूचि सिनेमा से खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अच्छी पटकथा लेखन के लिए अध्ययन करना सबसे ज्यादा जरुरी है। इसके लिए अलग-अलग भाषाओं में बनी फिल्में देखनी चाहिए और सिनेमा पर लिखी किताबें पढ़नी चाहिए।

संजीव ने कहा कि सिनेमा के लेखक को नायक और खलनायक में बहुत फर्क रखना पड़ता है। नायक की जिदगी का एक लक्ष्य होता है और खलनायक उस लक्ष्य को पूरा नहीं होने देता है। वहीं, एक प्रतिभागी द्वारा पूछे गए प्रश्न का जवाब देते हुए संजीव ने बताया कि धार्मिक धारावाहिक में कल्पनाओं की उड़ान नहीं है तो वह बेकार है। इस अवसर पर प्रो. रमा, डॉ महेंद्र प्रजापति व डॉ. प्रभांशु शामिल रहे।


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