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    मेट्रो स्टेशन से नवजात बच्चे का अपहरण कर डेढ़ लाख में बेचा, मुख्य महिला आरोपी समेत पांच गिरफ्तार

    Updated: Sun, 07 Dec 2025 06:55 AM (IST)

    दिल्ली में मेट्रो स्टेशन से एक नवजात शिशु का अपहरण कर उसे डेढ़ लाख रुपये में बेचने के मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोप ...और पढ़ें

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    सांकेतिक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। शास्त्री पार्क मेट्रो थाना क्षेत्र में इस वर्ष जून में हुए नवजात बच्चे के अपहरण और तस्करी के मामले को सुलझाते हुए मेट्रो की एटीएस यूनिट ने मुख्य महिला आरोपित समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपितों के चंगुल से बच्चे को सुरक्षित बरामद कर उसकी मां को सौंप दिया है।

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    इसमें मुख्य आरोपित देवकी पिछले सात महीनों से लगातार अपने ठिकाने बदल रही थी, जिसे यूपी के जनपद महोबा स्थित किराए के घर से गिरफ्तार किया गया। उसने नवजात को डेढ़ लाख रुपये में बेच दिया था।

    मेट्रो के पुलिस उपायुक्त कुशल पाल सिंह के मुताबिक, चार जून को शिकायतकर्ता पूनम ने शास्त्री पार्क मेट्रो थाने में सूचना दी थी कि सीलमपुर मेट्रो स्टेशन पर एक अज्ञात महिला उसका नवजात बच्चा लेकर फरार हो गई। प्रारंभिक जांच में कोई ठोस सुराग न मिलने के बाद मामला मेट्रो पुलिस की एटीएस की टीम को ट्रांसफर कर दिया गया।

    हर गतिविधि पर नजर 

    एटीएस टीम ने तकनीकी निगरानी शुरू की, जिसमें पता चला कि आरोपित महिला देवकी महोबा में घूम-फिर रही है। टीम ने हर गतिविधि पर नजर रखी और अंततः महोबा स्थित किराए के मकान में आरोपित महिला के ठिकाने की पुष्टि की। जिसके बाद टीम ने दबिश देकर देवकी को गिरफ्तार किया। कोर्ट से तीन दिन की पुलिस रिमांड भी प्राप्त की गई।

    पूछताछ में देवकी ने बताया कि उसने महिला मंजू के कहने पर बच्चे का अपहरण किया था। देवकी ने बच्चे को करीब 15 दिन अपने पास रखने के बाद आर्य नगर, दिल्ली में 1.50 लाख रुपये में बेच दिया था। देवकी की निशानदेही पर बच्चा बनीता (पत्नी धीर सिंह) के कब्जे से बरामद किया गया।

    इसके बाद बनीता, धीर सिंह, शिला (बिचौलिया) और मंजू को भी गिरफ्तार कर लिया गया। सभी को अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

    बच्चे को खरीदने वाले दंपती की हैं चार बेटियां

    पुलिस उपायुक्त ने बताया कि पकड़ी गई महिला देवकी पति से अलग रहती है और सीलमपुर मेट्रो स्टेशन पर भीख मांगती थी। यह मामले में मुख्य आरोपित है। वहीं मंजू देवी गांधी नगर स्थित आंगनवाड़ी में हेल्पर और साजिशकर्ता है। इसी क्रम में शीला घरेलू कामकाज करती है और बच्चे की बिक्री में इसने बिचौलिया की भूमिका निभाई थी।

    इनमें धीर सिंह और इनकी पत्नी बनीता बच्चे के खरीदार है। धीर का निजी कैमरा इंस्टालेशन कान्ट्रैक्टर का काम है। जांच में पता चला है कि धीर सिंह और बनीता की चार बेटियां हैं। किसी भी आरोपित के खिलाफ पहले कोई आपराधिक केस दर्ज नहीं था।