सैकड़ों निगम शिक्षकों को बड़ी राहत, दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद किया गया बहाल
पूर्वी दिल्ली निगम मुख्यालय पर पिछले कई दिनों से धरना दे रहे निगम शिक्षकों को दिल्ली हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) की ओर से चयनित 3788 प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति पर केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) द्वारा लगाई गई रोक को हाई कोर्ट ने हटा दिया है। कैट ने शिक्षक भर्ती के परीक्षा परिणाम को रद करते हुए 14 अक्टूबर को नियुक्तियों पर रोक लगा दी थी। कैट के इस फैसले को दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
न्यायमूर्ति जीएस सिस्तानी की पीठ ने डीएसएसएसबी को तीनों नगर निगमों (पूर्वी, उत्तरी और दक्षिणी) को शिक्षकों की नियुक्ति की अनुमति दे दी है। साथ ही उन अभ्यर्थियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है, जिनकी याचिका पर कैट ने नियुक्तियों पर रोक लगा दी थी। अभ्यर्थियों का आरोप था कि प्रश्नपत्र के सभी सेट में एक जैसे प्रश्न पूछे गए थे। बहरहाल, शिक्षकों की नियुक्ति पीठ के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगी।
तीनों नगर निगमों ने जारी किए आदेश
उधर, हाई कोर्ट की अनुमति के बाद दक्षिणी व पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए हैं। निगम ने सार्वजनिक सूचना जारी कर कहा है कि जिन नियुक्तियों के आदेश रद किए गए थे, उन्हें बहाल कर दिया गया है। मंगलवार से सभी शिक्षक ज्वाइन कर सकेंगे। डीएसएसएसबी द्वारा कुल 3788 पदों में से सामान्य वर्ग के 1286, ओबीसी के 1057, अनुसूचित जाति के 616, अनुसूचित जनजाति के 659 और दिव्यांग वर्ग के 170 अभ्यर्थियों का चयन किया गया था। इन सभी की नियुक्ति दिल्ली के तीनों नगर निगमों के स्कूलों में होनी है।
शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ
पिछले सात दिनों से पूर्वी दिल्ली नगर निगम मुख्यालय पर धरना दे रहे शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। हाई कोर्ट से कैट द्वारा नियुक्ति पर लगाई गई रोक हटाने का फैसला आते ही शिक्षकों को जैसे दिवाली का तोहफा मिल गया हो। सभी के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई। हाई कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद जब सोमवार को कोई आदेश जारी नहीं किया गया तो अभ्यर्थी परेशान हो गए।
स्थायी समिति के चेयरमैन संदीप कपूर सक्रिय हुए और उन्होंने निगम आयुक्त व अतिरिक्त आयुक्त से बात की। उन्होंने हाई कोर्ट के आदेश को लेकर निगम के अधिवक्ता से पुष्टि करवाई। मामले को निगम के विधि विभाग में भिजवाया। इसके साथ ही वाट्सएप पर सभी संबंधित अधिकारियों से मंजूरी ली। उसके बाद शिक्षा विभाग की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किया गया कि 22 अक्टूबर (मंगलवार) से सभी नए शिक्षकों को बहाल किया जाएगा। इसमें एक शर्त जोड़ी गई है कि यदि अदालत का कोई फैसला आता है तो यह मंजूरी रद भी की जा सकती है। इस आदेश की कॉपी लेकर संदीप कपूर नए शिक्षकों के बीच पहुंचे। इसके बाद उन्होंने धरना समाप्त कर दिया।
फैसले का शिक्षक नेता महिपाल मावी और सतेंद्र नागर ने स्वागत किया है। उनका कहना है कि इससे अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है। निगम के एक स्कूल के ¨प्रसिपल विनोद कुमार का कहना है कि इससे शिक्षकों की कमी दूर हो सकेगी।
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