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जनवरी से पहले स्पष्ट नहीं होगी एनसीआर के वायु प्रदूषण की सटीक तस्वीर

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली जिस तरह से बिना मर्ज जाने सही दवा नहीं दी जा सकती, उसी तरह दिल्ली-एनसीअ

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Oct 2017 10:25 PM (IST)Updated: Mon, 30 Oct 2017 10:25 PM (IST)
जनवरी से पहले स्पष्ट नहीं होगी एनसीआर के वायु प्रदूषण की सटीक तस्वीर
जनवरी से पहले स्पष्ट नहीं होगी एनसीआर के वायु प्रदूषण की सटीक तस्वीर

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली

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जिस तरह से बिना मर्ज जाने सही दवा नहीं दी जा सकती, उसी तरह दिल्ली-एनसीआर के वायु प्रदूषण की सही तस्वीर सामने आए बिना दीर्घकालिक योजनाएं नहीं बनाई जा सकती हैं। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की सटीक तस्वीर जनवरी तक भी स्पष्ट होने की संभावना नहीं लग रही। वजह, दिल्ली, उत्तर प्रदेश व हरियाणा सरकार की ढिलाई के चलते अक्टूबर तक प्रस्तावित एयर क्वालिटी मॉनिट¨रग स्टेशनों का जाल नहीं बिछ सका। चिंताजनक यह भी कि पिछले साल अक्टूबर से लेकर अब तक पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) एवं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 24 से अधिक बैठकें लेने और बार- बार दिशा-निर्देश जारी करने पर भी स्थिति बहुत नहीं बदल पाई। राज्य सरकारों की इस ढिलाई से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) की सफलता को भी बड़ा झटका लगा है।

दिल्ली में 20 नए एयर क्वालिटी मॉनिट¨रग स्टेशन लगाए जाने को लेकर दिल्ली सरकार एक वर्ष से ढिंढोरा पीट रही है, लेकिन एक के बाद एक मांगी गई मोहलत खत्म होने के बाद भी नए स्टेशन शुरू नहीं हो रहे हैं। ईपीसीए और सीपीसीबी के साथ पिछली बैठक में दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने 30 अक्टूबर की मोहलत मांगी थी। सोमवार को यह समय-सीमा निकल गई। डीपीसीसी के अधिकारी इस बाबत स्थिति स्पष्ट करने से बच रहे हैं।

एनसीआर में शामिल हरियाणा के 13 जिलों में से केवल गुरुग्राम और फरीदाबाद में ही दो मैन्युअल और 4 रियल टाइम एयर क्वालिटी मॉनिट¨रग स्टेशन लगे हैं। सोनीपत, पानीपत, करनाल, रोहतक झज्जर, जींद, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, भिवानी, मेवात और पलवल में 22 मैन्युअल और 13 रियल टाइम स्टेशन और लगाए जाने थे, लेकिन अभी तक इस दिशा में तकनीकी निविदाएं ही आमंत्रित की जा सकी हैं। अब वित्तीय निविदाएं मंगाई जाएंगी और काम सौंपा जाएगा। इसके बाद एयर क्वालिटी मॉनिट¨रग स्टेशन लगाने का काम शुरू होगा।

एनसीआर में शामिल उत्तर प्रदेश के जिलों में अभी मेरठ, नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर और हापुड़ में 10 मैन्युअल और 1 रियल टाइम एयर क्वालिटी मॉनिट¨रग स्टेशन लगे हैं। बागपत और मुजफ्फरनगर में 6 मैन्युअल और 10 रियल टाइम स्टेशन लगाए जाने थे, लेकिन यहां मामला मझधार में लटका है। उत्तर प्रदेश सरकार ने दिसंबर तक की मोहलत मांगी है।

मैन्युअल और रियल टाइम स्टेशन में अंतर

मैन्युअल स्टेशन में एक तय समयावधि का ही प्रदूषक तत्व पीएम 2.5 अथवा पीएम 10 का आंकड़ा उपलब्ध होता है। रियल टाइम स्टेशन में हर वक्त का आंकड़ा मिलता है।

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सुप्रीम कोर्ट का आदेश था कि गत वर्ष की तरह इस साल सर्दी में दिल्ली-एनसीआर के हालात न बिगडे़ं, इसीलिए अक्टूबर तक रियल टाइम एयर क्वालिटी मॉनिट¨रग स्टेशनों का बडा नेटवर्क बिछाने की योजना बनाई गई थी। इस स्थिति को गंभीर ही कहा जाएगा कि तमाम बैठकों के बावजूद ऐसा नहीं हो पाया है। जब तक सारे स्टेशन सीपीसीबी के नेटवर्क से नहीं जुडें़गे, तब तक वायु प्रदूषण की सही तस्वीर सामने नहीं आएगी। ऐसे में बेहतरी के प्रयास भी अधर में लटकेंगे।

-डॉ. भूरेलाल, अध्यक्ष, पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए)


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