प्राणवायु ही हुई जानलेवा
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा में प्रदूषण लगातार जहर घोल रहा है। मंगलवा
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार को हवा सांस लेने लायक भी नहीं रही। सुबह जब लोग उठे तो बाहर घना स्मॉग था। इससे सांस के रोगियों को काफी परेशानी हुई। दिल्ली में एहतियातन कक्षा पांच तक के सभी स्कूलों को बुधवार को बंद रखने का फैसला किया गया। गाजियाबाद में भी कक्षा पांच तक के सभी स्कूल दो दिन तक के लिए बंद कर दिए गए हैं। निर्माण कार्यो पर एक सप्ताह तक प्रतिबंध लगा दिया गया है। प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों को बंद करने व जेनरेटर व प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों से जुर्माना वसूलने के निर्देश दिए गए हैं। व्यस्त मार्गो एवं चौराहों पर दिन में दो बार पानी के छिड़काव किया जाएगा। हरियाणा में बढ़ते सड़क हादसों को देखते हुए स्कूलों का समय बदल दिया गया है। सभी जिलों में पूरे महीने सरकारी स्कूल सुबह आठ बजे की जगह नौ बजे खुलेंगे। निजी स्कूलों पर भी यह आदेश लागू होगा।
दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार को अधिकांश जगहों पर वायु प्रदूषण का इंडेक्स 400 के ऊपर पहुंच गया। दृश्यता जहां 50 मीटर तक रह गई, वहीं अस्थमा, दमा और सांस के रोगियों के लिए सांस लेना मुश्किल हो गया। सुबह 11 बजे के आसपास हवा चलने पर स्मॉग हटने लगा। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण- संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने इस स्थिति को अति गंभीर करार दिया है। मौसम तथा पंजाब की पराली के धुएं को दोषी बताते हुए ग्रेडेड एक्शन प्लान (ग्रेप) का चौथा चरण तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्देश दिया। ऑड-इवेन लागू करने को लेकर दिल्ली सरकार को तैयारी रखने को कहा है। ईपीसीए सदस्य डॉ. सुनीता नारायण ने बताया कि स्कूलों को सलाह दी गई है कि फिलहाल बच्चों की बाहरी गतिविधियों को स्थगित कर दें। सांस के मरीज घर से बाहर न निकलें।
दो तरफ से चल रही है हवा
सीपीसीबी के सदस्य सचिव ए सुधाकर ने बताया कि फिलहाल दिल्ली में दो तरफ से हवा चल रही है। पूर्वी उत्तर प्रदेश की ओर से चलने वाली हवा में नमी है, जबकि पंजाब की तरफ से चल रही हवा में पराली का धुआं भी है। इससे नमी और प्रदूषण मिलकर धुएं की परत बना रहे हैं। हवा की गति बहुत कम है, लिहाजा प्रदूषण उड़ नहीं पा रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो-तीन दिन तक ऐसी ही स्थिति बने रहने के आसार हैं।
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ग्रेप का चौथा चरण
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1. दिल्ली मेट्रो गैर व्यस्त समय में कम से कम 10 दिन के लिए किराया घटाए। मेट्रो के कोच और फेरे भी बढ़ाए जाएं।
2. दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को मजबूत करने के लिए और अधिक बसें सड़क पर उतारें।
3. स्थानीय निकाय पार्किंग फीस में चार गुना तक इजाफा करें, ताकि लोग निजी वाहनों का कम इस्तेमाल करें।
4. सड़क निर्माण करने वाली एजेंसी अगर धूल फैलाती मिले, तो उस पर 50 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जाए।
5. सभी ईट-भट्ठे, हॉट मिक्स प्लांट और स्टोन थ्रेसर बंद किए जाएं।
6. सड़कों पर सफाई के लिए पानी का छिड़काव किया जाए और मशीनों से सफाई की जाए।
7. आवश्यक सेवाओं को छूट देते हुए अन्य सभी कार्यो के लिए जेनरेटर सेट बंद किए जाएं।
8. होटल, रेस्तरां और ढाबों में कोयला और लकड़ियां जलाने पर रोक
10. यातायात जाम के प्रमुख केंद्रों को चिह्नित कर अतिरिक्त यातायात पुलिसकर्मी तैनात किए जाएं
11. जिन ट्रकों का गंतव्य दिल्ली नहीं है, वे दिल्ली में प्रवेश न करने पाएं।