स्थिति खतरनाक, आठ गुना तक प्रदूषित हुई हवा
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : मौसमी उतार-चढ़ाव के बीच दिल्ली- एनसीआर में बुधवार को वायु प्रदूषण ख
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : मौसमी उतार-चढ़ाव के बीच दिल्ली- एनसीआर में बुधवार को वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। कई जगहों पर तो हवा आठ गुना तक प्रदूषित हो गई। यही हाल रहा तो ग्रेडेड एक्शन रिस्पास प्लान (ग्रेप) में जल्द बदलाव करने पड़ सकते हैं। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण-संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) के अनुसार अगले तीन से चार दिन प्रदूषण के लिहाज से काफी संवेदनशील हैं। इस दौरान हवा की रफ्तार काफी कम रहेगी। स्थिति पर नजर रखी जा रही है। जरूरत पड़ने पर ग्रेप को लेकर टास्क फोर्स की आपात बैठक बुलाई जाएगी।
बुधवार को दिल्ली-एनसीआर में सुबह 11 बजे तक प्रदूषण का स्तर 400 से अधिक रहा। इसमें दिल्ली की आठ जगहें, रोहिणी, शादीपुर, डीटीयू, आइटीओ, आनंद विहार, लोदी रोड, आरके पुरम, सिरी फोर्ट शामिल हैं। राजधानी के इहबास अस्पताल के आसपास एयर क्वालिटी इंडेक्स 119 रिकार्ड किया गया। रोहिणी, आनंद विहार, आरके पुरम में पूरे दिन प्रदूषण इंडेक्स 400 से ऊपर रहा। गाजियाबाद के वसुंधरा में यह 429 और भिवाड़ी में 413 रहा। भिवाड़ी में भी प्रदूषण का स्तर पूरे दिन 400 से नीचे नहीं आया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सदस्य सचिव ए सुधाकर ने बताया कि तीन-चार दिन से हवा की गति में बदलाव नहीं हो रहा है। हवा की गति 0.2 से 5 किलोमीटर प्रति घटे है। यही वजह है कि प्रदूषण बढ़ रहा है। इस समय स्मॉग की चादर 20 मीटर ऊपर तक दिखाई दे रही है, तापमान में कमी होने से इसके नीचे आने के आसार है। ईपीसीए की सदस्य डॉ. सुनीता नारायण ने बताया कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है। जरूरत के हिसाब से ही अगला कदम उठाया जाएगा।
बुधवार को वायु प्रदूषण का स्तर
क्षेत्र- प्रदूषण स्तर
रोहिणी- 458
शादीपुर-456
डीटीयू-424
आइटीओ-411
आनंद विहार- 409
लोदी रोड-401
आरके पुरम-413
सिरी फोर्ट- 402
नॉर्थ कैंपस-358
मंदिर मार्ग-347
बुराड़ी मोड़-340
आया नगर-339
से. 62 नोएडा-341
गुरुग्राम-335
वायु प्रदूषण इंडेक्स की श्रेणी
0 से 50 : अच्छा
50 से 100 : संतोषप्रद
100 से 200 : सामान्य
200 से 300 : खराब
300 से 400 : बहुत खराब
400 से ऊपर : गंभीर / आपातकालीन
ऐसे तैयार होता है एयर क्वालिटी इंडेक्स
एयर क्वालिटी इंडेक्स आठ प्रदूषक तत्वों पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) 10 व 2.5, नाइट्रोजन डाईऑक्साइड, सल्फर डाईऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, लेड, एल्युमिनियम और ओजोन के आधर पर तैयार किया जाता है। उत्तर भारत में वायु प्रदूषण में पीएम 2.5 और 10 की मात्रा अधिक होती है, इस वजह से इनका अलग से मापन होता है। किसी भी चीज के जलने से जो प्रदूषण होता है, उसमें पीएम 2.5 होता है। धूल कणों में पीएम-10 होता है।