बेजुबानों का डर दूर करने के लिए चिड़ियाघर के कर्मचारी ले रहे प्रशिक्षण
प्रशिक्षण से कर्मचारियों को सिखाया गया है कि जानवरों के रखरखाव व उपचार के दौरान किन बातों को लेकर सावधानियां बरतें ताकि किसी भी जानवर को डर न लगे और वे डर के कारण दम न तोड़ें। दिल्ली के बाद अब देश के चिड़ियाघर में कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
नई दिल्ली, [राहुल सिंह]। अब चिड़ियाघर के जानवरों व पक्षियों के डर को दूर करने के लिए राजधानी के चिड़ियाघर में कर्मचारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। इस प्रशिक्षण से कर्मचारियों को सिखाया गया है कि वह जानवरों के रखरखाव व उपचार के दौरान किन बातों को लेकर सावधानियां बरतें, ताकि किसी भी जानवर को डर न लगे और वे डर के कारण दम न तोड़ें। दिल्ली के बाद अब पूरे देश के चिड़ियाघर में पर्यावरण मंत्रालय की ओर से कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
कोमल श्रणी में रखे गए जानवर दम तोड़ देते हैं
चिड़ियाघर के अधिकारियों के मुताबिक, हिरण, बार हसिंगा व खरगोश समेत कई ऐसे जानवर हैं, जिन्हें बहुत डर लगता है। ऐसे में कई बार उनके बाड़े के बाहर उनका रखरखाव करने वाले कर्मचारियों को उन्हें खाना देते वक्त हिरण व अन्य जानवरों को लगता है कि कोई उन्हें पकड़ने के लिए आया है, लेकिन ऐसा नहीं होता है। इसके बाद भी कई बार कोमल श्रणी में रखे गए जानवर दम तोड़ देते हैं।
पुतले को पकड़कर बताया जा रहा कैसे करें उपचार
डाॅक्टरों के उपचार व घायल होने पर पट्टी बांधने के दौरान भी जानवर डर जाते हैं । इसके लिए चिड़ियाघर में विशेष प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें एक हिरण का पुतला बनाया गया और उसे किस तरह से पकड़कर उसका उपचार करना है यह कर्मचारियों को बताया गया। इसमें पशु चिकित्सा अनुभाग की टीम को बुलाया गया था। इस दौरान जमीन पर गद्दे बिछाए गए, जिससे कर्मचारी सीख सकें कि उन्हें उपचार करते वक्त यह याद रहे कि जानवर को जमीन पर सीधा लिटाने से परेशानी न हो।
क्या कहते हैं निदेशक
कोमल जानवरों के डर को दूर करने के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। इस प्रशिक्षण को मायोपेथी कहा जाता है, जिससे उपचार या किसी अन्य काम के दौरान जानवरों को बिल्कुल भी डर न लगे।
रमेश कुमार पांडेय, निदेशक चिड़ियाघर
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