Delhi News : युवा कवि निखिल आनंद गिरि के पहले कविता संग्रह ‘इस कविता में प्रेमिका भी आनी थी’ का लोकार्पण
युवा कवि और लेखक निखिल आनंद गिरि दिल्ली मेट्रो में जनसंपर्क अधिकारी हैं। उनके पहले कविता संग्रह ‘इस कविता में प्रेमिका भी आनी थी’ का लोकार्पण आइटीओ स्थित हिंदी भवन सभागार में हुआ। इस मौके पर मेट्रो से जुड़े कई अधिकारी भी मौजूद थे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। युवा कवि निखिल आनंद गिरि के पहले कविता संग्रह ‘इस कविता में प्रेमिका भी आनी थी’ का लोकार्पण आइटीओ स्थित हिंदी भवन सभागार में हुआ। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के तौर पर वरिष्ठ कवि मदन कश्यप, साहित्य अकादमी सम्मान से सम्मानित वरिष्ठ कवयित्री अनामिका, वरिष्ठ कवयित्री सुमन केशरी व वरिष्ठ कवि रामकिशोर उपाध्याय उपस्थित रहे।
इसके साथ ही दिल्ली मेट्रो के अधिशासी निदेशक अनुज दयाल व दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले राजधानी कालेज के प्राचार्य राजेश गिरि के साथ ही पुरुषोत्तम अग्रवाल समेत अन्य गणमान्य हस्तियां की मौजूदगी रहीं। लेखक निखिल आनंद गिरि दिल्ली मेट्रो में जनसंपर्क अधिकारी हैं।
लोकार्पण समारोह के दौरान मदन कश्यप ने युवा कवि को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि निखिल राजनीतिक सजगता के कवि हैं और कविताओं में सिर्फ यथार्थ का शाब्दिक चित्रण नहीं, बल्कि इनका अनुसंधान भी दिखता है। संग्रह की कुछ कविताओं का जिक्र करते हुए मदन कश्यप ने कहा कि इन कविताओं में अनुभव जनित अन्वेषण के साथ-साथ विश्वदृष्टि भी परिलक्षित होती है।
इस अवसर पर वरिष्ठ कवयfत्री अनामिका ने अपने संबोधन में कहा कि निखिल के पहले कविता संग्रह में सबसे महत्त्वपूर्ण बात प्रभावी मितकथन है। अभिधा, व्यंजना और लक्षणा के साथ शब्द शक्ति की ऊर्जा पाठकों में निश्चय ही स्पंदन पैदा करती है। निखिल की कविताओं में मां, बेटी, पिता जैसे रिश्तों का दार्शनिक विश्लेषण भी है।
अपने आत्मकथ्य में निखिल आनंद गिरि ने अपने परिजनों, संगी-साथियों के साथ मिले अनुभवों को अपनी कविताओं का स्त्रोत बताया और कहा कि इस समाज को आज सबसे अधिक कवितामय होने की ज़रूरत है।
मूलरूप से बिहार में जन्मे और झारखंड के रांची और जमशेदपुर में पले-बढ़े युवा कवि निखिल आनंद गिरि ने जामिया मिलिया इस्लामिया से मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई की और दिल्ली मेट्रो में जनसंपर्क अधिकारी हैं।