नई दिल्ली [शुजाउद्दीन]। खजूरी इलाके में मंगलवार सुबह दो बहनों को छेड़छाड़ का विरोध करना भारी पड़ गया। मनचले युवक ने बीच गली में दोनों बहनों को पीट दिया। दोनों पीड़िताओं का आरोप है कि मौके पर जुटी भीड़ से वह मदद की गुहार लगाती रही, लेकिन लोग तमाशबीन बने रहे। वारदात के वक्त युवती अपनी छोटी बहन को दसवीं की परीक्षा के लिए लेकर जा रही थी, रास्ते में आरोपित ने उनके साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। वारदात के बाद आरोपित फरार हो गया। 23 वर्षीय युवती की शिकायत पर पुलिस ने मारपीट सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर लिया है। आरोपित कुलदीप उर्फ बाक्सर की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है।
दसवीं का पेपर देने जाने वक्त हुई घटना
पीड़िता का परिवार खजूरी इलाके में रहता है। पीड़िता एमबीए की पढ़ाई कर रही है। उसकी छोटी बहन दसवीं कक्षा में पढ़ाई कर रही है, मंगलवार दसवीं कक्षा का विज्ञान विषय की परीक्षा थी। वह छोटी बहन को परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्र पर लेकर जा रही थी। पीड़िता का आरोप है कि पिछले कुछ दिनों से उसे एक युवक रास्ते में आते-जाते छेड़ रहा था।
विरोध करने पर पीटा
मंगलवार को जब वह अपनी बहन के साथ जा रही थी, वह युवक फिर से आया और उसने उसके साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। आरोप है कि वह पीड़िता पर अभद्र फब्तियां कसने लगा, उसने छेड़छाड़ का विरोध किया तो युवक भड़क गया और उसने बीच गली में उसे पीटना शुरू कर दिया। उसे कई थप्पड़ जड़ दिए, पीड़िता का चश्मा भी तोड़ दिया। जब छोटी बहन ने उसे बचाने की कोशिश की तो आरोपित ने उसे भी नहीं छोड़ा और उसे भी पीट दिया।
मदद करने की बजाय देखते रहे लोग
इस दौरान मौके पर लोगों की भीड़ जुट गई। पीड़िता का आरोप है कि वह लोगों से गुहार लगा रही थी कि वह उन दोनों बहनों को बचा ले, लेकिन मदद करने के बजाय लोग खड़े होकर उन्हें पीटता देखते रहे। वारदात के बाद आरोपित फरार हो गया। पिटाई से दोनों बहनों को शरीर में कई जगह चोटे आई हैं।
पिटाई के बाद बहन को परीक्षा के लिए लेकर गई युवती
युवती ने बताया कि उसकी छोटी बहन की बाेर्ड की परीक्षाएं चल रही हैं, आरोपित के चले जाने के बाद वह किसी तरह से अपनी बहन को परीक्षा केंद्र लेकर गई, ताकि उसकी परीक्षा न छूट जाए।
40 मिनट देर से पहुंची पुलिस, महिला आयोग की लेनी पड़ी मदद
पीड़िता का आरोप है कि बहन को परीक्षा केंद्र पर छोड़ने के बाद घर पहुंची और मामले की सूचना पीसीआर को दी। पीड़िता आरोप है कि 40 मिनट के बाद पीसीआर उसके पास पहुंची। पुलिस का इंतजार करते-करते उसने मामले की सूचना दिल्ली महिला आयोग को दे दी। इधर, जिला पुलिस ने देरी से पहुंचने के आरोप को बेबुनियाद बताया है।
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