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यासीन मलिक ने स्वीकार किया टेरर फंडिंग का गुनाह, 19 मई को होगी सजा पर बहस

कश्मीर में अशांति का माहौल बनाने के लिए टेरर फंडिंग करने के आरोपित अलगाववादी नेता यासीन मलिक ने कोर्ट में अपना गुनाह स्वीकार कर लिया।कोर्ट के सूत्रों ने बताया कि मलिक ने अदालत के समक्ष कहा कि वह खुद पर लगे टेरर फंडिंग के आरोप से इन्कार नहीं करता है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Tue, 10 May 2022 10:43 PM (IST)Updated: Wed, 11 May 2022 06:14 AM (IST)
यासीन मलिक ने स्वीकार किया टेरर फंडिंग का गुनाह, 19 मई को होगी सजा पर बहस
पटियाला हाउस कोर्ट में 19 मई को होगी सजा पर बहस

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। कश्मीर में अशांति का माहौल बनाने के लिए टेरर फंडिंग करने के आरोपित अलगाववादी नेता यासीन मलिक ने पटियाला हाउस कोर्ट में अपना गुनाह स्वीकार कर लिया। कोर्ट के सूत्रों ने बताया कि मलिक ने अदालत के समक्ष कहा कि वह खुद पर लगे टेरर फंडिंग, आतंकी समूह का सदस्य होने, साजिश रचने और राजद्रोह के आरोप से इन्कार नहीं करता है।

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19 मई को होगी सजा पर बहस

यासीन के इस बयान के बाद विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने यासीन मलिक की सजा पर बहस के लिए 19 मई तारीख तय की है। मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस मामले में अन्य सभी आरोपितों पर औपचारिक रूप से आरोप तय कर दिए।

इनके खिलाफ आरोप तय करने का आदेश था

हाफिज सईद, सैयद सलाहुद्दीन, शब्बीर शाह, मसरत आलम, राशिद इंजीनियर, जहूर अहमद वताली, बिट्टा कराटे, आफताब अहमद शाह, अलताफ अहम शाह, नईम खान, बशीर अहमद बट्ट ऊर्फ पीर सैफुल्ला समेत दूसरे आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था।

सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को दिया अंजाम

एनआइए के मुताबिक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के सहयोग से लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठनों ने जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले और हिंसा को अंजाम दिया।

हवाला के जरिए हुआ लेन देन

एनआइए के मुताबिक हाफिद सईद ने हुर्रियत कान्फ्रेंस के नेताओं के साथ मिलकर हवाला और दूसरे चैनलों के जरिये आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन का लेन-देन किया। इस धन का उपयोग वे घाटी में अशांति फैलाने , सुरक्षा बलों पर हमला करने, स्कूलों को जलाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम किया। इसकी सूचना गृह मंत्रालय को मिलने के बाद एनआइए ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 121, 121ए और यूएपीए की धारा 13, 16, 17, 18, 20, 38, 39 और 40 के तहत केस दर्ज किया था।


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