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हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से फिर छोड़ा गया पानी, बढ़ता जा रहा है यमुना का जल स्तर

हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से भारी मात्रा में छोड़े गए पानी के कारण दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ता जा रहा है।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 31 Jul 2018 07:56 AM (IST)Updated: Tue, 31 Jul 2018 07:35 PM (IST)
हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से फिर छोड़ा गया पानी, बढ़ता जा रहा है यमुना का जल स्तर
हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से फिर छोड़ा गया पानी, बढ़ता जा रहा है यमुना का जल स्तर

नई दिल्ली (जेएनएन)। हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से भारी मात्रा में छोड़े गए पानी के कारण दिल्ली में यमुना (कृष्ण भक्त इसे कालिंदी नाम से भी पुकारते हैं) का जल स्तर बढ़ता जा रहा है। मंगवार शाम छह बजे हथिनी कुंड बैराज से 19662 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। यमुना नदी में जल स्तर शाम 206.05 मीटर पर दर्ज किया गया है। हथिनी कुंड बैराज से भारी मात्रा में छोड़े गए पानी के कारण भारी मात्रा में यमुना में पानी पहुंचने वाला है। इस वजह से जल स्तर और बढ़ने की आशंका है।

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बता दें कि मंगलवार सुबह यमुना का जलस्तर 206 मीटर तक पहुंच गया था। इससे पहले सोमवार को यमुना का जलस्तर 205.76 मीटर तक पहुंच गया था। इस वजह से पुराना यमुना ब्रिज (लोहे का पुल) से वाहनों का आवागमन भी बंद है। 

पूर्वी दिल्ली के जिलाधिकारी के. महेश ने बताया कि मंगलवार सुबह 9 बजे के आसपास यमुना का जलस्तर 206.03 रहा। मंगलवार सुबह ही हथिनीकुंड बैराज से 24,992 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जबकि पांच लाख क्यूसेक पानी 28 जुलाई को छोड़ा गया था। उम्मीद जताई जा रही है कि अगर बारिश नहीं हुई तो यमुना का जलस्तर जल्द नीचे आएगा।

यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से मंगलवार को पुराना लोहा पुल फिर से बंद किया गया। इससे पहले रविवार मध्यरात्रि से सोमवार सुबह 11 बजे तक बंद किया गया था।

बाढ़ नियंत्रण विभाग का कहना है कि बैराज से दो दिन काफी पानी छोड़ा गया था। 28 जुलाई की शाम सात बजे 6,05,949 क्यूसेक, 29 जुलाई सुबह 8 बजे 2,42,657 क्यूसेक व शाम को 1,10,248 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। यह पानी दिल्ली पहुंचेगा तो जल स्तर अचानक 206.50 मीटर तक पहुंचने की आशंका है। हथनी कुंड बैराज से सोमवार को अधिकतम 52,279 क्यूसेक पानी सुबह पांच बजे छोड़ा गया। शाम सात बजे 28,421 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।

जलस्तर बढ़ने से यमुना के निचले इलाकों में पानी भर गया है और अवैध रूप से बसी झुग्गियों में पानी भर गया है। अब तक करीब 10 हजार परिवारों को हटाया गया है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार यमुना में सबसे अधिक उफान वर्ष 1978 में आया था। तब यमुना का जलस्तर 207.49 मीटर तक पहुंच गया था। इसके बाद वर्ष 2010 में 207.11 मीटर व वर्ष 2013 में जलस्तर 207.32 मीटर तक पहुंचा था।

प्रभावितों ने कहा, नहीं मिले टेंट
यमुना में बढ़ रहे जलस्तर को लेकर मुख्यमंत्री के निर्देश पर लोहा पुल के आसपास निरीक्षण करने गए राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत से लोगों ने टेंट नहीं मिलने की शिकायत की। इस पर मंत्री नाराज हुए। उन्होंने जिला राजस्व उपायुक्त के. महेश को एक घंटे में इन लोगों को टेंट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इस दौरान अधिकारियों ने कहा कि पार्क में 17 टेंट लगाए गए हैं। मगर लोग वहां नहीं जा रहे हैं। एक अन्य स्थान पर अधिकारियों ने बताया कि यहां दो सौ लोग हैं। जिनमें से 88 लोगों को टेंट मिल चुके हैं। जबकि अन्य लोगों के लिए टेंट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस दौरान लोगों ने बताया कि उन्हें सामान चोरी का डर है। इस दौरान कई ने उनसे सुविधाएं नहीं मिल पाने की शिकायत की। लोगों ने कहा कि उन्हें टेंट नहीं दिए गए हैं। लोगों की शिकायतों को मंत्री ने नोट कराया और उनकी समस्याओं का जल्द हल कराने का निर्देश दिया। इस दौरान जो लोग झुग्गियों में मिले, उन्हें अपनी झुग्गियां खाली करने के लिए कहा। उन्होंने इस दौरान यमुना के जलस्तर से प्रभावित लोगों को टेंट व भोजन की सुविधा उपलब्ध कराने के अधिकारियों को निर्देश दिए। मंत्री ने अपना मोबाइल नंबर लोगों को देकर कहा कि यदि उन्हें सुविधा नहीं मिलती है तो मुझे फोन करें।

बाढ़ प्रभावितों को लेकर संवेदनशील नहीं दिल्ली सरकार: डॉ. हर्षवर्धन
यमुना का जलस्तर बढ़ने से नदी के किनारे रहने वाले घर छोड़ने को मजबूर हैं। इस स्थिति के लिए केंद्रीय मंत्री और चांदनी चौक के सांसद डॉ. हर्षवर्धन ने दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि समय रहते प्रभावित लोगों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई। उन्होंने ट्वीट करके दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि यमुना किनारे रहने वाले लोग दिल्ली की संवेदनहीन सरकार की दया पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हुई बारिश से यमुना में जलस्तर बढ़ने लगा था, लेकिन दिल्ली सरकार ने इसे लेकर तैयारी नहीं की। यमुना किनारे रहने वालों को सुरक्षित स्थान पर रखने के लिए कोई प्रबंध नहीं किया गया है।


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