स्टीम इंजन से करें रेवाड़ी तक का सफर, बच्चों को मिलेगी विशेष सुविधा, जानें- खासियत
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि पर्यटन को ध्यान में रखते हुए इसे चलाने का फैसला किया गया है। इस ट्रेन के प्रत्येक फेरे में 60 यात्री सफर कर सकेंगे।
नई दिल्ली, जेएनएन। यात्री इस शनिवार से स्टीम इंजन की सवारी का आनंद उठा सकेंगे। रेल प्रशासन ने दिल्ली कैंट से रेवाड़ी तक इसे चलाने को मंजूरी दे दी है। इसका परिचालन अगले वर्ष अप्रैल तक प्रत्येक महीने के दूसरे शनिवार को किया जाएगा। विश्व के सबसे पुराने स्टीम इंजन फेयरी क्वीन को विशेष पर्यटक ट्रेन में लगाया जाएगा।
1855 में बनाया गया था इंजन
वर्ष 2011 में फेयरी क्वीन का बॉयलर फट गया था। इसे ठीक कर लगभग छह वर्षों बाद पिछले वर्ष पटरी पर उतारा गया है। इस ऐतिहासिक इंजन को 1855 में बनाया गया था। 1977 में जब दिल्ली में राष्ट्रीय रेल संग्रहालय बना था, तब से यह इंजन यहां की शोभा बढ़ा रहा है।
60 यात्री कर सकेंगे सफर
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि पर्यटन को ध्यान में रखते हुए इसे चलाने का फैसला किया गया है। इस ट्रेन के प्रत्येक फेरे में 60 यात्री सफर कर सकेंगे। दिल्ली कैंट से यह सुबह 10.30 बजे रवाना होगी और दोपहर एक बजे रेवाड़ी पहुंचेगी। वहीं, वापसी में रेवाड़ी से उसी दिन शाम सवा चार बजे चलकर शाम सवा छह बजे दिल्ली कैंट पहुंचेगी। इस ट्रेन से सफर के लिए एक तरफ का किराया 3240 रुपये निर्धारित किया गया है। दोनों तरफ सफर के लिए 6480 रुपये देने होंगे।
बच्चों के लिए आधा किराया
वहीं, बच्चों के लिए इसका आधा किराया निर्धारित किया गया है। इसमें रेवाड़ी स्थित हेरिटेज लोको शेड घूमने का शुल्क भी शामिल है। भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) की वेबसाइट से इसका टिकट बुक किया जा सकता है। यह विशेष ट्रेन इस वर्ष 13 अक्टूबर, 10 नवंबर व 8 दिसंबर को चलेगी। वहीं, अगले वर्ष 12 जनवरी, 9 फरवरी, 9 मार्च और 13 अप्रैल को इसका परिचालन होगा।