अब तांत्रिकों के चंगुल में नहीं फसेंगी महिलाएं, जानिए क्यों
रिसर्च में यह बात सामने आई है कि प्रत्येक वर्ष करीब 500 से 1000 महिलाएं तांत्रिकों के चुंगल में फंसती हैं।
नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली-एनसीआर में काला जादू अपने पांव पसार रहा है। पढ़े-लिखे लोग भी ढोंगी तांत्रिकों के जाल में फंस रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि इन गलत पद्धतियों का सबसे अधिक प्रयोग महिलाओं पर किया जा रहा है। शहरों में बढ़ते इस चलन को रोकने के लिए महिला आयोग ने काम करना शुरू कर दिया है। आयोग ऐसे सभी संगठनों को एकमंच पर लाने जा रहा है, जो महिला उत्थान के लिए काम कर रहे हैं।
महिलाओं को काला जादू की प्रताड़ना से बचाया जा सके। इस अपराध में शामिल आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज हो सके। साथ ही संभव कार्रवाई हो सके, इसके लिए आयोग ने सिफारिशों को तैयार किया है। अब वह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के साथ इन्हें साझा करेगा।
500 से 1000 महिलाएं तांत्रिकों के चुंगल में फंसती हैं
बताया जाता है कि काफी समय से महिला आयोग इस दिशा में काम कर रहा है। हाल ही में आयोग की रिसर्च में यह बात सामने आई है कि प्रत्येक वर्ष करीब 500 से 1000 महिलाएं तांत्रिकों के चुंगल में फंसती हैं। ऐसे में तंत्र गतिविधियों का इस्तेमाल महिलाओं के खिलाफ किया जाता है। अधिकांश महिलाएं लोकलाज और घर से निकाले जाने के डर से अपने साथ हो रहे इस बर्ताव को सहती रहती हैं। ऐसे में आरोपियो के खिलाफ मामला भी दर्ज नहीं होता है। अपराधी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पाती है।
निम्न आर्थिक वर्ग, स्लम क्षेत्रों में है समस्या
महिला आयोग की सदस्य सुषमा साहू ने बताया कि सरकारी एजेंसियां तो इस दिशा में काम कर रही हैं। हालांकि, यह समस्या ज्यादातर निम्न आर्थिक वर्ग, स्लम क्षेत्रों में है। इन क्षेत्रों में संगठन सक्रिय हैं, जिनके साथ मिलकर आयोग काम करेगा। सिफारिशों को जल्द ही मंत्रालय भेजा जाएगा ताकि इस तरह के अपराध को रोका जा सके।
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