महिला आयोग ने शेल्टर होम का किया औचक निरीक्षण, 25 के स्थान पर मिलीं 55 बालिकाएं
सुषमा सिंह का कहना है कि शेल्टर के रजिस्टर और अन्य दस्तावेजों की जांच की गई। रजिस्टर में किसी भी आगंतुकों के आने-जाने का विवरण नहीं मिला।
गाजियाबाद (जेएनएन)। शहीद नगर स्थित आशादीप बालिका फाउंडेशन में शनिवार को राज्य महिला आयोग की टीम ने कई अधिकारियों के साथ औचक निरीक्षण किया। इस दौरान टीम को शेल्टर होम में 25 के स्थान पर 55 बालिकाएं मिलीं। इसके बारे में जिला प्रोबेशन अधिकारी को कोई जानकारी नहीं दी गई थी। शेल्टर होम पर कोई चौकीदार नहीं मिला। शेल्टर होम में आगंतुक रजिस्टर पर आने-जाने वालों का कोई विवरण नहीं मिला।
दस्तावेजों की जांच की गई
राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह, सीओ प्रथम आतिश कुमार, महिला थाना पुलिस और जिला प्रोबेशन अधिकारी के साथ सुबह 11 बजे फाउंडेशन का औचक निरीक्षण करने पहुंची थीं। आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह का कहना है कि शेल्टर के रजिस्टर और अन्य दस्तावेजों की जांच की गई। रजिस्टर में किसी भी आगंतुकों के आने-जाने का विवरण नहीं मिला। कौन सा पदाधिकारी ड्यूटी पर है, कौन छुट्टी पर है इसकी जानकारी रजिस्टर में नहीं मिली। शेल्टर होम 25 बालिकाओं के लिए रजिस्टर्ड है जबकि यहां 55 बालिकाएं रह रही थीं।
शेल्टर होम में मिलीं खामियां
शेल्टर होम में अन्य कई छोटी-छोटी खामियां मिलीं, जिस पर टीम ने नाराजगी जाहिर की है। आयोग की उपाध्यक्ष की मानें तो आगामी 15 दिसंबर को आशादीप बालिका फाउंडेशन की रजिस्ट्रेशन डेट खत्म हो जाएगी। इसके लिए आयोग टीम इस पर लगातार निगरानी बनाने की बात कह रही है।
अतिरिक्त बालिकाओं के बारे में नहीं दिया जवाब
जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास चंद्रा का कहना है कि शेल्टर होम में 30 अतिरिक्त बालिकाओं को रखा गया है। वे बालिकाएं शेल्टर होम को हॉस्टल के रूप में उपयोग कर रही हैं। शेल्टर होम की ओर से इस पर जवाब नहीं दिया गया है। दोबारा से रिमाइंडर जारी किया जाएगा। जवाब न मिलने पर डीएम को रजिस्ट्रेशन निरस्त करने की संस्तुति की जाएगी।
एक संस्था ने रखी हैं बालिकाएं
जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास चंद्रा ने बताया कि बीते दिनों उनके निरीक्षण में सामने आया था कि हॉस्टल में रहने वाली 30 लड़कियों को एक अन्य संस्था की तरफ से रखा गया था। ये वो लड़कियां हैं जिनके माता-पिता किसी आपराधिक मामले में जेल में बंद हैं या फिर उन्हें अकेला छोड़कर चले गए हैं।
खामियों को सुधारा जा रहा है
फिलहाल अधिकारी की जांच पड़ताल में बालिकाओं के किसी भी डॉक्यूमेंट्स में संस्था का कोई भी जिक्र नहीं था। उधर, शेल्टर होम की चीफ एग्जीक्यूटिव ज्योति चेट्टी ने बताया कि उन्होंने सभी दस्तावेज अधिकारियों को दे दिए हैं। जो खामियां मिली हैं, उनको सुधारा जा रहा है।