International Trade Fair: अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में छाईं हाथ से बनी साड़ियां, केरल के मसाले बिखेर रहे खुशबू
व्यापार मेले में आजमगढ़ से आए विवर्स हैंडलूम्स विकास केंद्र के तबिश ने बताया कि महिलाएं सबसे ज्यादा कतान सिल्क तसर सिल्क और आरगेंजा खरीद रही है। उन्होंने बताया कि इन सभी साड़ियों की खासियत यह है कि यह हैंडमेड हैं और कुकुन से बनाया गया है। हाथ से बने होने की वजह से हर साड़ी दूसरे से अलग है।

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। 42वां भारतीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला दर्शकों के लिहाज से नए रिकार्ड बना रहा है। शनिवार को सुबह शुरू हुआ लोगों के पहुंचने का सिलसिला दिन चढ़ने के साथ बढ़ता गया और शाम तक संख्या एक लाख के पार पहुंच गई। मेले में केरल अपने मसालों और वहां के परंपरागत भोजन के स्वाद का जादू बिखेर रहा है तो हैंडमेड साड़ियां महिलाओं को खूब आकर्षित कर रही हैं।
व्यापार मेले में आजमगढ़ से आए विवर्स हैंडलूम्स विकास केंद्र के तबिश ने बताया कि महिलाएं सबसे ज्यादा कतान सिल्क, तसर सिल्क और आरगेंजा खरीद रही है। उन्होंने बताया कि इन सभी साड़ियों की खासियत यह है कि यह हैंडमेड हैं और कुकुन से बनाया गया है। हाथ से बने होने की वजह से हर साड़ी दूसरे से अलग है। यानि हर एक कस्टमर को अलग-अलग डिजाइन की साड़ी मिलती है।
नोएडा से आईं आरती ने बताया कि साड़ी देखने में एक जैसी हैं, लेकिन हर एक साड़ी एक दूसरे से अलग है, जो इसे नायाब बनाती है। ऋतु का कहना था कि मशीन से बनी साड़ियों की तुलना में हैंडमेड साड़ियों का चलन बढ़ा है।
झारखंड की आदिवासी पेंटिगों ने लोगों को लुभाया
झारखंड मंडप में सभी प्रदेशों की तरह प्रदेश की अपनी अलग संस्कृति दिख रही है। वेशभूषा से लेकर रहन-सहन और सजावट की अलग परिपाटी है। झारखंड में घरों की सजावट के लिए सोहराई पेंटिंग और कोहबर पेंटिंग का इस्तेमाल किया जाता है। आदिवासी पेंटिंगों का लाइव डेमो देखा जा सकता है। पेंटिंग बनाने वाले गणेश गायन के अनुसार सोहराई पेंटिंग और कोहबर पेंटिंग पूरी तरह से प्राकृतिक होती है। इसमें इस्तेमाल किया जाने वाला रंग अलग-अलग रंग की मिटटी को पीस कर बनाया जाता है। इसको बनाने में कई दिन लगते हैं। सोहराई पेंटिंग में कई रंगों का उपयोग किया जाता है, वहीं कोहबर पेंटिंग सफ़ेद और काले रंग की होती है।
स्टोन के बने आभूषण भी आकर्षण
दिल्ली मंडप में वेदांतिका यूनिवर्स के ज्वैलरी स्टोन भी मेला दर्शकों को आकर्षित कर रहे हैं। इनमें उप रत्न व स्वंभू नर्मदेश्वर शिव लिंग, अलग-अलग स्टोन की पानी की बोतलें, मूर्तियां, उल्कापिंड जैसे दिखने वाले अदभुत पत्थर पेंडेंट, एमेथिस्ट क्लस्टर, समुद्री शैल से बनी ज्वैलरी खासतौर पर लुभा रही है।
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केरल के मसाले बिखेर रहे खुशबू
केरल का तेजपत्ता, काली मिर्च, लौंग, इलायची, दालचीनी या फिर पोस्तादाना हो सभी दर्शक काफी पसंद कर रहे हैं। लोग मछली और कुरकुरे झींगा फ्राई का जमकर आनंद ले रहे हैं। कुदुम्बश्री की पाक पेशपश में चुकंदर का पाउडर, सूखा कटहल, मसालेदार सूखी मिर्च और पावका विशेष है।

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