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    Delhi Trade Fair 2023: आधी आबादी दिखा रही पूरे देश की तस्वीर, मिनी भारत से कम नहीं है व्यापार मेले का सरस मंडप

    By sanjeev GuptaEdited By: Abhishek Tiwari
    Updated: Thu, 23 Nov 2023 12:26 PM (IST)

    प्रगति मैदान में चल रहे 42वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में एक मंडप ऐसा भी है जहां आधी आबादी देश की पूरी तस्वीर दिखा रही है। यहां 29 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की 165 स्टाल प्रदर्शित हैं जिन पर 330 महिला दस्तकार-शिल्पकार दिखाई पड़ती हैं। यहां पर आप को अस्सी रुपये से लेकर पांच हजार तक के सामान उपलब्ध हैं।

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    सरस मंडप में बिहार की बानो खातून के स्टाल पर सामान पसंद करती महिलाएं। जागरण

    संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। Delhi Trade Fair 2023 : प्रगति मैदान में चल रहे 42वें अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में एक मंडप ऐसा भी है जहां आधी आबादी देश की पूरी तस्वीर दिखा रही है। यहां 29 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की 165 स्टाल प्रदर्शित हैं जिन पर 330 महिला दस्तकार-शिल्पकार दिखाई पड़ती हैं।

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    सभी महिलाओं को दीदी नाम दिया गया है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय तथा राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआइआरडीपीआर) द्वारा लगाए गए मंडप में ग्रामीण भारत की शिल्पकलाओं का मुख्य रूप से प्रदर्शन किया जा रहा है।

    330 से ज्यादा ग्रामीण महिला दस्तकार-शिल्पकार

    हाल नंबर सात (ए, बी, सी) में लगे सरस मंडप में विभिन्न राज्यों के उत्पाद जैसे टसर की साड़ियां, बाघ प्रिंट, गुजरात की पटोला साड़ियां, कांथा- चंदेरी साड़ियां, उत्तराखंड-हिमाचल के ऊनी उत्पाद, प्राकृतिक खाद्य उत्पाद, कर्नाटक और तेलंगाना के वूडन उत्पाद, झारखंड के पलाश उत्पाद व प्राकृतिक खाद्य उत्पाद उपलब्ध हैं। फूड स्टाल पर प्राकृतिक खाद्य पदार्थ भी मौजूद हैं। प्राकृतिक खाद्य पदार्थों के रूप में अदरक, चाय, दाल, काफी, पापड़, सेब, अन्य फलों के जैम, अचार आदि उपलब्ध हैं।

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    29 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की 165 स्टाल

    इसके अलावा यहां अंडमान एंड निकोबार से बैंबू के उत्पाद, अरुणाचल प्रदेश से पारंपरिक कपड़े, असम से कपड़े का मेटेरियल, केन एंड बैंबू उत्पाद, आंध्रप्रदेश से दक्षिण भारतीय अचार, तेल, हर्बल शहद, लकड़ी का हस्तशिल्प, साड़ी और साफ्ट खिलौने आदि, बिहार से मधुबनी पेंटिंग, सिल्क साड़ी, सोलर टार्च, लाह की चूड़ियां और प्राकृतिक शहद, छत्तीसगढ़ से काटन सूट, फुलकारी सूट, सिल्क साड़ी, मेटल आर्ट, ड्राई फ्रूट्स और स्नैक्स, पापड़, आम का अचार, हल्दी पाउडर, गुजरात से हैंडलूम आइटम, सिल्क साड़ी, दुपट्टा, बेड डेकोरेटिव आइटम, गोवा से कूची हैंडीक्राफ्ट्स और स्नैक्स, हरियाणा से काटन सूट, साड़ी, दुपट्टा, टेराकोटा आइटम, ड्रेस मेटेरियल, पारंपरिक ज्वेलरी, स्नैक्स में मशहूर महुआ लड्डू, हिमाचल प्रदेश से हैंडलूम आइटम, साक्स, हैंडबैग आदि व्यापार मेले में प्रदर्शित किया जा रहा है।

    बिहार के बांका जिले से आई हुईं नसीब जीविका स्वयं सहायता समूह की बानो खातून बताती हैं कि उनके स्टाल पर हैंडलूम सिल्क साड़ी, दुपट्टा, रनिंग फैब्रिक की अच्छी मांग है। वहीं, बिहार की ही दरभंगा जिले से आई हुईं आंचल जीविका समूह की जीनत प्रवीण बताती हैं कि उनके बनाए हेंडीक्राफ्ट के स्लिंग पर्स, वालेट, टोट बैग, सोल्डर बैग, लिपिस्टिक केस, चश्मा केस, क्वाइन पर्स, मोबाइल पर्स, चांदनी सोल्डर बैग पसंद किए जा रहे हैं।

    80 रुपये से लेकर 5 हजार तक के सामान

    यहां पर आप को अस्सी रुपये से लेकर पांच हजार तक के सामान उपलब्ध हैं। साथ ही भागलपुर के स्टाल पर टसर सिल्क साड़ी, दुपट्टा, सूट समेत भागलपुर का मशहूर अंटी चादर भी मिल जाएगा। ज्ञात हो कि अंटी चादर (मौसमी चादर) आप को 12 माह वातावरण के हिसाब से ठंडी-गर्मी-वर्षा का अहसास कराता है। या यूं कहें कि जिस भी मौसम में चाहें आप उसका इस्तेमाल कर सकते हैं।