क्या 20 साल बाद दिल्ली में BJP को सत्ता दिलाने में कामयाब होंगे मोदी सरकार के मंत्री
लोकसभा के बाद अब विधानसभा चुनाव में जीत का लक्ष्य पाने के लिए पार्टी ने नरेंद्र मोदी सरकार के तीन मंत्रियों को मैदान में उतारा है।
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। पिछले आधा दशक से देशभर में विजय रथ पर सवार भाजपा अब दिल्ली फतह पर निकल पड़ी है। लोकसभा के बाद अब विधानसभा चुनाव में जीत का लक्ष्य पाने के लिए पार्टी ने नरेंद्र मोदी सरकार के तीन मंत्रियों को मैदान में उतारा है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रभारी बनाया है, जबकि केंद्रीय शहरी विकास राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय सह प्रभारी की जिम्मेदारी संभालेंगे।
इन नियुक्तियों में अनुभव व चुनावी समीकरण का ध्यान रखा गया है। इधर प्रदेश संगठन के कार्यकर्ता फरवरी के बजाय हरियाणा, महाराष्ट्र व झारखंड के साथ ही दिल्ली में भी अक्टूबर या नवंबर में चुनाव कराए जाने के कयास लगा रहे हैं।
प्रकाश जावड़ेकर के पास लंबा संगठनात्मक अनुभव है। वह राजस्थान में विधानसभा व लोकसभा चुनाव के प्रभारी रह चुके हैं। इससे पहले वह कर्नाटक के प्रभारी थे। दिल्ली की सियासत में उन्हें पहली बार कोई जिम्मेदारी मिली है। भाजपा नेता व कार्यकर्ता इसे संगठन के लिए फायदेमंद मानते हैं। उन्हें उम्मीद है कि दिल्ली की सियासत में सीधे तौर पर कोई हस्तक्षेप नहीं होने की वजह से वह पार्टी में गुटबाजी को रोकने में सफल रहेंगे।
वहीं, हरदीप सिंह पुरी को सह प्रभारी बनाकर पार्टी ने आम आदमी पार्टी (aam aadmi party) की राज्य सरकार की चुनावी राह मुश्किल करने की कोशिश की है। वह सीलिंग, अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने व मेट्रो जैसे दिल्ली के लोगों को प्रभावित करने वाले मुद्दों से सीधे जुड़े रहने के साथ ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भी मुखर रहे हैं। पुरी ने समय-समय पर न सिर्फ मोदी सरकार के खिलाफ मुख्यमंत्री के आरोपों का जोरदार ढंग से जवाब दिया है, बल्कि दिल्ली सरकार को कई मौकों पर असहज करने से पीछे नहीं रहे हैं।
शहरी विकास मंत्री होने के नाते वह सीलिंग से परेशान दिल्लीवासियों को राहत देने के साथ ही इस समस्या के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार भी ठहराते रहे हैं। दिल्ली में विशेष कानून के तहत दिसंबर, 2020 तक हुए निर्माण को तोड़फोड़ से बचाने में भी इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया को भी इन्होंने आगे बढ़ाया है। इसी तरह से मेट्रो किराया में बढ़ोतरी के लिए जब केजरीवाल सरकार व आप के नेता केंद्र सरकार को आड़े हाथ ले रहे थे, तो पुरी ने जोरदार पलटवार किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि दिल्ली सरकार की किराया बढ़ाने में भूमिका रही है, लेकिन लोगों को गुमराह करने के लिए अब वह इसका विरोध कर रही है।
इसी तरह नित्यानंद राय के संगठनात्मक अनुभव का लाभ मिलने के साथ ही पूर्वाचल के मतदाताओं को जोड़ने में आसानी होगी। मनोज तिवारी के प्रदेश अध्यक्ष बनने से पूर्वाचल के लोगों का रुझान बढ़ा है, अब राय की उपस्थिति से बिहार के लोगों के बीच भाजपा का जनाधार बढ़ेगा। मंत्री बनने से पहले वह बिहार भाजपा के अध्यक्ष थे।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के चुनाव प्रभारी बनने से दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी को गति मिलेगी। जल्द ही वह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं व सह प्रभारियों के साथ चुनाव प्रचार की रणनीति बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि मैं पार्टी का सिपाही हूं। ‘पार्टी जो भी जिम्मेदारी देती है, हम सभी उसे निभाते हैं। हमारे पास पहले कर्नाटक की जिम्मेदारी थी। उसके बाद राजस्थान विधानसभा और लोकसभा चुनाव की जिम्मेदारी रही। अब दिल्ली का दायित्व मिला है। जल्द ही पार्टी के अध्यक्ष व अन्य संबंधित लोगों के साथ मिलकर विस्तृत रूप रेखा तैयार की जाएगी।’ उन्होंने बताया कि इस समय वह दिल्ली से बाहर हैं।
वहीं, हरदीप पुरी का कहना है कि भाजपा कार्यकर्ता होने के नाते उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनाव का सह प्रभारी बनाया जाना गर्व की बात है। उन्होंने ट्वीट किया कि ‘प्रकाश जावड़ेकर के नेतृत्व में नित्यानंद राय के साथ दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए सह प्रभारी बनाए जाने पर मैं पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के प्रति आभारी हूं।’ दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी का कहना है कि इससे दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार को हटाने में मदद मिलेगी।
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