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अमेरिकी राष्ट्रपति की तर्ज पर होता है देश की इस नामी यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव (Jawahar lal University Students Union Election) के लिए 6 सितंबर को मतदान होना है।

By JP YadavEdited By: Published: Wed, 04 Sep 2019 12:16 PM (IST)Updated: Wed, 04 Sep 2019 02:29 PM (IST)
अमेरिकी राष्ट्रपति की तर्ज पर होता है देश की इस नामी यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव
अमेरिकी राष्ट्रपति की तर्ज पर होता है देश की इस नामी यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव

नई दिल्ली, जेएनएन। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव (Jawahar lal University Students Union Election) के लिए 6 सितंबर को मतदान होना है। आइये जानते हैं कि आखिर क्यों देश के अन्य विश्वविद्यालयों से खास और अलग होता है जेएनयू का चुनाव। इस बार अध्यक्ष पद के लिए कुल 6 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जबकि केंद्रीय पैनल के महासचिव, उपाध्यक्ष व उपसचिव पद के लिए कुल 8 उम्मीदवार मैदान में भाग्य आजमा रहे हैं। दरअसल, जेएनयू छात्र संघ का चुनाव अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की तरह ही होता है।

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जेएनयू प्रशासन की अहम भूमिका नहीं
अन्य विश्वविद्यालयों की तुलना में जेएनयू प्रशासन की अहम भूमिका नहीं होती है। जेएनयू छात्रसंघ के चुनाव छात्रों द्वारा ही करवाए जाते हैं। इतना ही नहीं, डिबेट से लेकर चुनाव की पूरी प्रक्रिया का संचालन जेएनयू छात्रसंघ की चुनाव समिति के हाथ में होता है। सभी सेंटर के छात्रों की एक चुनाव समिति गठित की जाती है। इसमें नियुक्त मुख्य चुनाव आयुक्त सहित 18 लोग होते हैं। चुनाव के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त का चयन भी किया जाता है।

वोटिंग से पहले होता है डिबेट का आयोजन
चुनाव की कड़ी में नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि को अंतिम रूप से चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों की सूची जारी की जाती है। उसके बाद वोटिंग से दो दिन पहले रात को डिबेट का आयोजन किया जाता है, जो कि बेहद खास होती है। यह डिबेट ही जेएनयू छात्रसंघ के चुनाव को अलग बनाता है।  

आज रात होगी बहस
जेएनयू छात्र संघ चुनाव के लिए बुधवार रात को सभी छात्र संगठनों के अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों के बीच बहस होगी। बहस में विश्वविद्यालय के मुद्दों के साथ देश-दुनिया के मुद्दे भी छाए रहेंगे।

बहस की है परंपरा
जेएनयू में छात्र संघ चुनावों में बहस की परंपरा है। जिसके तहत छात्र संघ के विभिन्न पदों के उम्मीदवार परस्पर बहस करते हैं। इनमें अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों की बहस सबसे दिलचस्प और छात्रों के बीच चर्चित रहती है।

कैसे होती है डिबेट
जेएनयू छात्र संघ चुनाव इस मामले में अनोखा है कि यहां पर डिबेट तीन राउंड में होती है। पहले राउंड में सभी स्पीकर आकर अपनी बात आम छात्रों के सामने रखते हैं। इस भाषण के लिए 12 मिनट का समय मिलता है। भाषण के दस मिनट पूरे होने पर पहली वार्निंग बेल बजती है। इसके बाद प्रत्याशी को दो मिनट और दिए जाते हैं, ताकि वो अपना भाषण तय समय पर पूरा कर सके। दूसरे राउंड में हर प्रत्याशी बारी-बारी से मंच पर आते हैं। उनके विपक्षी बारी-बारी से उनसे दो सवाल पूछते हैं। ऐसे में हर प्रत्याशी को तय समय में इन सवालों का जवाब देना होता है।

इस बार दिलचस्‍प होगा मुकाबला
गौरतलब है कि इस वर्ष छात्र संघ चुनाव में अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के लिए एबीवीपी से मनीष जांगिड़, वाम एकता से आईशी घोष, एनएसयूआइ से प्रशांत कुमार, छात्र राजद से प्रियंका भारती और बापसा से जितेंद्र सुना मैदान में हैं।

शिक्षा में निजीकरण के मुद्दे पर होगी बहस
आईशी बोस (वाम एकता, एमफिल की छात्र, स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज) का कहना है कि दलितों और अल्पसंख्यकों के मुद्दों को बहस में उठाया जाएगा। कैंपस में छात्रों की स्वतंत्रता और शिक्षा में निजीकरण के मुद्दे पर भी बहस होगी। 

वहीं प्रियंका भारती (छात्र राजद, एमए की छात्र, स्कूल ऑफ लैंग्वेज) का कहना है कि कैंपस में छात्रओं के मुद्दों पर बात करूंगी। साथ ही कैंपस के विभिन्न मुद्दों के अलावा देश में किसानों की परिस्थिति पर भी बहस होगी।

जितेंद्र (बिरसा अंबेडकर फुले स्टूडेंट्स एसोसिएशन (बापसा), पीएचडी के छात्र, स्कूल ऑफ सोशल साइंस) के मुताबिक, कैंपस में वंचित समाज के छात्रों के साथ सही तरीके से बर्ताव हो, उन्हें सुविधाओं को मिलने में समस्या ना आए। यह मुद्दा उठाया जाएगा।  

मनीष जांगिड ( एबीवीपी, पीएचडी के छात्र, स्कूल ऑफ एनवायरनमेंटल स्टडीज) कहते हैं कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने और तीन तलाक के लिए कानून बनाने जैसे मुद्दों को बहस में उठाया जाएगा। नए छात्रावास का मुद्दा भी बहस में शामिल किया जाएगा।

प्रशांत कुमार (एनएसयूआइ, पीएचडी के छात्र, स्कूल ऑफ सोशल साइंस) का कहना है कि जेएनयू में दीवारों पर लगाने वाले पोस्टर की संस्कृति को रोका जा रहा है। इस पर बात की जाएगी। इसके अलावा जेएनयू में खेल को बढ़ावा देने पर बात करूंगा।

बता दें कि जेएनयू छात्र संघ चुनाव नें अध्यक्ष पद पर स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने अपना उम्मीदवार उतारा है, जबकि महासचिव पद ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) के हिस्से में आया है। एसएफआई से आईसी घोष अध्यक्ष पद पर मैदान में हैं, जबकि आइसा के सतीस चंद्र यादव महासचिव, डीएसफ के साकेत मून उपाध्यक्ष व एआईएसएफ के मोहम्मद दानिश सह सचिव पद से मैदान में हैं।

एबीवीपी से मनीष जागिंड उम्मीदवार
जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में एबीवीपी ने मनीष जागिंड को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि श्रृति अग्निहोत्री उपाध्यक्ष, महासचिव पद के लिए सबरीश पीए और सहसचिव सुमंत साहू को उम्मीदवार बनाया गया है। वही, छात्र राजद दल ने अध्यक्ष पद पर प्रिंयका भारती और उपाध्यक्ष पद पर ऋषिराज यादव को उम्मीदवार बनाया है। बिरसा आंबेडकर फूले छात्र संगठन (बाप्सा) ने अध्यक्ष पद पर जितेंद्र सुना और महासचिव पद पर वसीम आर एस को मैदान में उतारा है। एनएसयूआई के प्रशांत कुमार व निर्दलीय राघवेंद्र मिश्रा अध्यक्ष पद से चुनावी मैदान में हैं।

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