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Atal Bihari Vajpayee: जब संसद में अटल बिहारी वाजपेयी से पूछा गया था अविवाहित रहने का कारण

Atal Bihari Vajpayee देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी जनसंघ के संस्थापकों में से एक थे। उनका जन्म मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में हुआ था। वह तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने।

By Abhishek TiwariEdited By: Published: Tue, 16 Aug 2022 10:43 AM (IST)Updated: Tue, 16 Aug 2022 10:43 AM (IST)
Atal Bihari Vajpayee: जब संसद में अटल बिहारी वाजपेयी से पूछा गया था अविवाहित रहने का कारण
Atal Bihari Vajpayee: जब संसद में अटल बिहारी वाजपेयी से पूछा गया था अविवाहित रहने का कारण

नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की आज पुण्‍यतिथि है। अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) एक ऐसी शख्सियत थे, जिनके प्रशंसक सभी देशवासी हैं। वह भारतीय राजनीति के उन चंद नेताओं में से हैं जो कभी दलगत राजनीति के बंधन में नहीं बंधे। इसीलिए उन्हें अन्य पार्टियों के नेताओं से भी खूब प्यार और सम्मान मिला।

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सरल व्यक्तित्व और ओजस्वी आवाज वाले अटलजी की लाइफ देखने में भले ही एक खुली किताब जैसी लगती हो, लेकिन ऐसा नहीं है। उनकी जिंदगी से जुड़ी कई ऐसी बातें हैं जिन्हें बहुत कम लोग जानते होंगे। आज हम आपको एक ऐसे ही किस्से के बारे में बता रहे हैं, जिसके बारे में शायद ही आपको मालूम होगा।

यह बात तो लगभग सभी लोग जानते हैं कि अटलजी ने शादी नहीं की थी। लेकिन बहुत कम लोग यह जानते होंगे कि उनकी एक बेटी भी थी। उनकी बेटी का नाम नमिता भट्टाचार्य है, जो अटलजी की दत्तक पुत्री हैं। बता दें कि बेटी नमिता भट्टाचार्य ने ही अटलजी के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी थी।

संसद में बताया था क्यों नहीं की शादी?

अटलजी का पूरा जीवन बेहद सादगी भरा रहा। हालांकि लोग अक्सर इस पर बात करते रहे कि उन्होंने शादी क्यों नहीं की। हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री ने एक बार भरी संसद में इसका जवाब दिया था। उन्होंने विपक्ष के हमलों के बीच अपने अविवाहित होने का बारे में कहा था कि, ‘मैं अविवाहित जरूर हूं, लेकिन कुंवारा नहीं।’

अटलजी से शादी को लेकर कई बार सवाल पूछे जाते रहे। लेकिन वह इन सवाल से कभी परेशान नहीं हुए। उन्होंने हमेशा बड़े संयम के साथ इसका जवाब दिया। उन्होंने कई बार मुस्कुराते हुए कहा, ‘व्यस्तता के कारण ऐसा नहीं हो पाया।’ हालांकि उनके करीब रहे लोग यह भी कहते हैं कि उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के लिए आजीवन अविवाहित रहने का फैसला लिया था।

राजनीतिक करियर-

अटलजी, एक अनुभवी सांसद, जिनका राजनीतिक करियर चार दशकों से अधिक लंबा रहा है, वह नौ बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा के लिए चुने गए, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। वर्ष 1952 में उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन सफलता नहीं मिली। हालांकि उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और वर्ष 1957 में बलरामपुर (जिला गोण्डा, उत्तर प्रदेश) से जनसंघ के प्रत्याशी के रूप में विजयी होकर लोकसभा में पहुंचे थे।

5 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में जन्मे अटलजी का 16 अगस्त, 2018 में निधन हुआ था। वह तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने। अटलजी को उनके असाधारण कार्यों के लिये वर्ष 2015 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

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